कंडोम, फेस मास्क और चश्मा जैसे चिकित्सा उपकरणों को बेचने और वितरण के लिए सरकार ने जारी किया नया नियम
By आजाद खान | Published: October 5, 2022 12:54 PM2022-10-05T12:54:38+5:302022-10-05T15:55:06+5:30
इस नियम के तहत लाइसेंस लेने वालों को यह दिखाना होगा कि उनके पास उचित भंडारण के लिए पर्याप्त जगह है। यही नहीं इन डिवाइसों के लिए उनके पास आवश्यक तापमान और प्रकाश की सुविधा है कि नहीं, यह भी उन्हें बताना होगा।
नई दिल्ली: केन्द्र ने हर चिकित्सा उपकरण (मेडिकल डिवाइस) के बिक्री और वितरण के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि जो कोई भी दुकानदार मेडिकल डिवाइस जैसे थर्मामीटर, कंडोम, फेस मास्क, चश्मा या कोई अन्य चिकित्सा उपकरण को बेचता है तो उसे स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी में पंजीकरण करवाना अनिवार्य हो गया है।
बताया जाता है कि ऐसा करने से मेडिकल डिवाइस के रिकॉर्ड को मेन्टेन करने में सुविधा होगी।
क्या है नया मेडिकल डिवाइस नियम
नए मेडिकल डिवाइस नियमों के अनुसार, जिन लोगों को लाइसेंस चाहिए उन्हें यह दिखाना होगा कि उनके पास उचित भंडारण के लिए पर्याप्त जगह है। यही नहीं उन्हें यह भी दिखाना होगा उनके यहां आवश्यक तापमान और प्रकाश की भी सुविधा है।
नियम में यह भी कहा गया है कि जो लोग लाइसेंस ले रहे है उन्हें दो साल के लिए ग्राहकों, दवाओं के बैच या उपकरणों का डीटेल को मेन्टेन करना होगा। इसके अलावा उन्हें केवल पंजीकृत निर्माता या आयातक से ही चिकित्सा उपकरण यानी मेडिकल डिवाइस को खरीदना होगा।
‘सक्षम तकनीकी कर्मचारियों’ का डिटेल भी देना जरूरी
आपको बता दें कि मेडिकल स्टोर्स को ‘सक्षम तकनीकी कर्मचारियों’ का डीटेल्स भी देना जरूरी हो गया है। इस जानकारी में उन्हें यह बताया होगा उनके पास काम करने वाले स्टाफ एक पंजीकृत फार्मासिस्ट है या फिर वह ग्रेजुएट किया है कि नहीं।
यही नहीं मेडिकल स्टोर्स वालों को यह भी बताना होगा कि इन स्टाफ को इन मेडिकल डिवाइसों को बेचने का कितना अनुभव है। सरकार चाहती है कि इन मेडिकल डिवाइसों को बेचने वालों के पास एक साल का अनुभव हो।
मौजूदा मेडिकल स्टोर, स्टॉकिस्ट और थोक विक्रेताओं को रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं
सरकारी अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि जो भी लाइसेंसिंग के लिए अप्लाई करेगा, उसका आवेदन लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा 10 दिन में निष्पादन होगा। यही नहीं अगर किसी का लाइसेंसिंग के लिए आवेदन रद्द होता है तो ऐसे में लाइसेंसिंग प्राधिकरण को लिखित रूप में रद्द होने का कारण बताना होगा।
अधिसूचना के अनुसार, ऐसे लोग 45 दिन के अन्दर अपने रद्द अवेदन को लेकर राज्य सरकार के पास जा सकते है। इसमें यह भी कहा गया है कि मौजूदा मेडिकल स्टोर, स्टॉकिस्ट और थोक विक्रेताओं को इस रजिस्ट्रेशन से अलग किया गया है और उन्हें रजिस्ट्रेशन कराने की कोई जरूरत नहीं है।