भारत ने चीन की 'बेल्ट एण्ड रोड' पहल का नहीं किया समर्थन
By भाषा | Published: April 25, 2018 01:49 AM2018-04-25T01:49:23+5:302018-04-25T01:49:23+5:30
एससीओ विदेश मंत्रियों की एक दिवसीय बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में मंगलवार को कहा गया, 'कजाखस्तान, क्रिगिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान ने चीन की प्रस्तावित 'बेल्ट एण्ड रोड़ पहल (बीआरआई)' को अपना समर्थन दोहराया है।
बीजिंग, 25 अप्रैल: भारत ने चीन की महत्वकांक्षी परियोजना 'बेल्ट एण्ड रोड' पहल पर अपनी सहमति नहीं जताई है। हाल ही में यहां संपन्न हुई शंघाई सहयोग संगठन ( एससीओ ) की विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत ने इस परियोजना की पुष्टि से अपने आप को अलग रखा जबकि संगठन के अन्य आठ सदस्यों ने इसका समर्थन किया।
एससीओ विदेश मंत्रियों की एक दिवसीय बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में मंगलवार को कहा गया, 'कजाखस्तान, क्रिगिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान ने चीन की प्रस्तावित 'बेल्ट एण्ड रोड़ पहल (बीआरआई)' को अपना समर्थन दोहराया है। बीआरआई परियोजना पर सहमति जताने वाले देशों की सूची में भारत का नाम स्पष्ट रूप से नहीं था। चीन - पाकिस्तान आर्थिक गलियारा ( सीपीईसी ) इसी परियोजना का हिस्सा है।
वक्तव्य में कहा गया है, 'पक्षों ने एससीओ क्षेत्र में एक व्यापक, खुली और आपसी लाभ की भागीदारी के लिये क्षेत्र के देशों, अंतरराष्टूीय संगठनों और बहुपक्षीय संस्थानों की क्षमता के इस्तेमाल का समर्थन किया है।' भारत और पाकिस्तान को इस संगठन में शामिल किया गया है। संगठन में चीन और रूस प्रभावशाली सदस्य हैं।
बैठक का आयोजन एससीओ शिखर सम्मेलन के एजेंडे को मंजूरी देने के लिये किया गया। शिखर बैठक जून में चीन के क्विंगदाओ शहर में होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संभवत शिखर बैठक में भाग लेंगे।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को यहां संपन्न एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। भारतीय अधिकारियों ने संयुक्त वक्तव्य में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वक्तव्य चीनी और रूसी भाषा में जारी किया गया था।