भारत-चीन खूनी झड़पः मायावती ने कहा- अब सरकार को जनता की उम्मीद पर खरा उतरना है, सूझबूझ से देशहित में उठाए कदम

By रामदीप मिश्रा | Published: June 17, 2020 11:24 AM2020-06-17T11:24:17+5:302020-06-17T11:24:17+5:30

भारत-चीन सीमा विवाद: वर्ष 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद भारत और चीनी सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है। उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे। 

india china tension: modi government should take sensible steps in interest of country says mayawati | भारत-चीन खूनी झड़पः मायावती ने कहा- अब सरकार को जनता की उम्मीद पर खरा उतरना है, सूझबूझ से देशहित में उठाए कदम

मायावती ने चीनी सेना से हुई झड़प को लेकर ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की है। (फाइल फोटो)

Highlights मायावती ने चीन विवाद को लेकर कहा है कि सरकार को अब अत्याधिक सतर्क व सूझबूझ से देशहित में कदम उठाने की जरूरत है।  मायावती ने कहा कि देश को विश्वास है कि भारत सरकार देश की आन, बान व शान के हिसाब से सही समय पर सही फैसला लेगी।

लखनऊः पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गए। वहीं, भारतीय सेना ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया है और उसके 43 सैनिक हताहत हुए है, जिनमें से कई की मौत हो गई है। दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव बरकरार है। इस दौरान बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की मुखिया व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने चीन विवाद को लेकर कहा है कि सरकार को अब अत्याधिक सतर्क व सूझबूझ से देशहित में कदम उठाने की जरूरत है।  

मायावती ने बुधवार को ट्वीट करते हुए कहा, 'देश को विश्वास है कि भारत सरकार देश की आन, बान व शान के हिसाब से सही समय पर सही फैसला लेगी व देश का एक इंच जमीन भी किसी को कभी हड़पने नहीं देगी। अच्छी बात है कि सरकार की कमियों को भुलाकर ऐसे नाजुक समय में पूरा देश एकजुट है। अब सरकार को जनता की उम्मीद पर खरा उतरना है।'

मायावती ने कहा, 'लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ झड़प में कर्नल समेत 20 भारतीय सैनिकों के शहादत की खबर अति-दुःखद व झकझोरने वाला है, खासकर तब जब भारत सरकार दोनों देशों के बीच सीमा विवाद व तनाव को कम करने में प्रयासरत है। सरकार को अब अत्याधिक सतर्क व सूझबूझ से देशहित में कदम उठाने की जरूरत है।'

जवानों की शहादत पर प्रधानमंत्री खामोश क्यों हैं: राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख की गलवानी घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक टकराव में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने की पृष्ठभूमि में बुधवार को सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले पर खामोश क्यों हैं। उन्होंने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री खामोश क्यों हैं? वह छिपे हुए क्यों हैं? अब बहुत हो चुका। हमें यह जानने की जरूरत है कि क्या हुआ है। हमारे सैनिकों की हत्या करने की चीन की हिम्मत कैसे हुई? हमारी भूमि पर कब्जा करने की उनकी हिम्मत कैसे हुई?'

1967 में 300 चीनी सैनिक मारे गए थे

बता दें, पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण गलवान घाटी क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया। भारतीय सेना ने भी चीन को करारा जवाब दिया है और उसके भी कई सैनिकों की झड़प में मौत हुई है। वर्ष 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है। उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे। 

भारतीय सेना का बयान

सेना के एक बयान में कहा गया, 'भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान क्षेत्र में जिस स्थान पर 15/16 जून की रात झड़प हुई, वहां से दोनों तरफ के सैनिक हट गए हैं।' इसमें यह नहीं बताया गया है कि सैन्यकर्मी किस प्रकार हताहत हुए हैं और दोनों पक्षों के बीच किसी तरह के गोलाबारी का भी उल्लेख नहीं किया गया है। भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि झड़प में हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया गया और अधिकतर जवान चीनी पक्ष द्वारा किए गए पथराव और लोहे की छड़ों के इस्तेमाल के कारण घायल हुए।

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