भारत और अमेरिका मिलकर स्ट्राइकर बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों का निर्माण करेंगे, चीन की चुनौती से मिलकर करेंगे सामना
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: November 11, 2023 11:14 AM2023-11-11T11:14:09+5:302023-11-11T13:39:46+5:30
स्ट्राइकर बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों का संयुक्त रूप से उत्पादन करने का समझौता ऐसे समय हुआ है जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तीन साल से अधिक समय से तनाव चल रहा है।
नई दिल्ली: चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने, स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत और अमेरिका के बीच णनीतिक मुद्दों पर सहमति बनी है। दोनों देशों के बीच रक्षा उत्पादन से संबंधित कुछ अहम समझौते भी हुए हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने स्ट्राइकर बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों का संयुक्त रूप से उत्पादन करने का फैसला किया है।
भारत-अमेरिका के बीच ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता के पांचवें संस्करण के दौरान दोनों देशों ने कई अहम मसलों पर चर्चा की। इसमें चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने, महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों की सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने और रक्षा उद्योगों को सहयोगात्मक रूप से सह-विकास और रक्षा प्रणालियों का सह-उत्पादन करने पर विशेष ध्यान देने पर दोनों देशों के बीच बात हुई।
स्ट्राइकर बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों का संयुक्त रूप से उत्पादन करने का समझौता ऐसे समय हुआ है जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तीन साल से अधिक समय से तनाव चल रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद कहा, "भारत-अमेरिका रक्षा संबंध आपसी विश्वास, साझा मूल्यों और क्षेत्रीय एवं वैश्विक सुरक्षा बनाए रखने में आपसी हितों की बढ़ती मान्यता की विशेषता वाली रणनीतिक साझेदारी में विकसित हुआ है। हम चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने, स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने सहित रणनीतिक मुद्दों पर खुद को तेजी से सहमत पाते हैं। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हैं। महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों की सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने की गंभीरता को पहचानते हुए, हमारे दल ठोस परिणामों पर काम कर रहे हैं। भारत और अमेरिका मजबूत रक्षा, औद्योगिक जुड़ाव, प्रौद्योगिकी प्रतिबंधों में ढील, समुद्री क्षेत्र में संबंधों को बढ़ावा देने और सभी क्षेत्रों में लचीली आपूर्ति शृंखला सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखकर सहयोग के नए रास्ते बना रहे हैं।"
बैठक के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि दोनों पक्षों ने चीन द्वारा उत्पन्न बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के बारे में बात की। संवाद में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में ऑस्टिन के अलावा विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन शामिल थे।