भारत ने एनएएम को 'ईमानदारी से आत्मनिरीक्षण' करने की सलाह दी
By भाषा | Updated: October 11, 2021 21:16 IST2021-10-11T21:16:34+5:302021-10-11T21:16:34+5:30

भारत ने एनएएम को 'ईमानदारी से आत्मनिरीक्षण' करने की सलाह दी
नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर भारत ने सोमवार को गुट-निरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) से अपने कामकाज को लेकर ईमानदारी से आत्मनिरीक्षण करने का अनुरोध किया ताकि समूह की निरंतर प्रासंगिकता और समकालीन वैश्विक मुद्दों पर इसका प्रभाव सुनिश्चित हो सके।
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुट-निरपेक्ष आंदोलन की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर बेलग्रेड में आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए अफगानिस्तान संकट के बारे में भी बात की। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव का हवाला देते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए नहीं किया जा सकता है और न ही ऐसा किया जाना चाहिए।
उन्होंने गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सफर की चर्चा करते हुए कहा कि इसके मूल सिद्धांतों ने उपनिवेशवाद प्रक्रिया के खिलाफ नैतिक प्रोत्साहन प्रदान किया जिससे समूह में प्रतिनिधित्व रखने की कई देशों को स्वतंत्रता मिली। उन्होंने कहा, "इसने न्याय और शांति की एक अंतरराष्ट्रीय संस्कृति के साथ ही परस्पर हित, एकजुटता और राष्ट्रीय संप्रभुता के सम्मान को बढ़ावा देने पर जोर दिया।"
लेखी ने कहा, "हालांकि, जब हम पिछली उपलब्धियों पर गौर करते हैं, तो यह हमारे आंदोलन के बारे में ईमानदारी से आत्मनिरीक्षण करने का समय है - हमें क्या करना चाहिए ताकि वैश्विक परिणामों पर एनएएम की निरंतर प्रासंगिकता और प्रभाव सुनिश्चित हो सके।’’
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में गुट-निरपेक्ष आंदोलन का कुछ क्षेत्रों में प्रभावी रहा है जहां इसने एक स्वर में आवाज उठायी लेकिन समूह कुछ अन्य क्षेत्रों में तेजी से अप्रभावी हो रहा है, खासकर नयी और उभरती चुनौतियों से निपटने में।
लेखी ने कहा, "यह मुख्य रूप से, जानबूझकर विभाजनकारी मुद्दों को उठाने की कुछ एनएएम सदस्यों की प्रवृत्तियों के कारण या द्विपक्षीय मुद्दे उठाने के लिए एनएएम मंच का उपयोग करने के कारण है, जिससे हमारे बीच विभाजन पैदा होता है।’’
एनएएम करीब 120 विकासशील देशों का समूह है।
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