तिरंगे के रंग में रंगा जीवन: अरविंद जैन की अनोखी देशभक्ति यात्रा, 35 साल और 7000 कार्यक्रम, तिरंगा वंदना से जगाई देशभक्ति की अलख

By मुकेश मिश्रा | Updated: August 14, 2025 18:17 IST2025-08-14T18:16:09+5:302025-08-14T18:17:11+5:30

Independence Day 2025: तिरंगा वंदना की शुरुआत सरस्वती वंदना और राष्ट्र वंदना से होती है। मंच पर तिरंगा स्टैंड में स्थापित किया जाता है और कार्यक्रम में उपस्थित हर व्यक्ति अनुशासन के साथ वंदना में शामिल होता है

Independence Day 2025 Life painted tricolour Dr Arvind Jain's unique patriotic journey 35 years 7000 programmes awakened spirit patriotism through Tiranga Vandana | तिरंगे के रंग में रंगा जीवन: अरविंद जैन की अनोखी देशभक्ति यात्रा, 35 साल और 7000 कार्यक्रम, तिरंगा वंदना से जगाई देशभक्ति की अलख

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Highlightsवंदना चार मिनट की होती है, लेकिन इसका प्रभाव गहरा और दीर्घकालिक है।नागरिकों को अपने कर्तव्यों की याद दिलाने का तरीका है।

इंदौर: स्वतंत्रता दिवस के आसपास देशभक्ति का ज्वार हर भारतीय के दिल में उमड़ता है, लेकिन इंदौर के एक शिक्षाविद ने इसे अपने जीवन का स्थायी हिस्सा बना लिया है। डॉ. अरविंद जैन, जिन्हें लोग प्यार से ‘रंजन सर’ कहते हैं, पिछले 35 वर्षों से लगातार ‘तिरंगा वंदना’ करके नागरिकों के दिलों में राष्ट्रप्रेम की अलख जगा रहे हैं। आज तक 7,000 से अधिक तिरंगा वंदना कार्यक्रम आयोजित कर चुके डॉ. जैन का मानना है कि यह केवल एक राष्ट्रध्वज के प्रति सम्मान नहीं, बल्कि नागरिकों को अपने कर्तव्यों की याद दिलाने का तरीका है। वंदना चार मिनट की होती है, लेकिन इसका प्रभाव गहरा और दीर्घकालिक है।

तिरंगा वंदना का अद्वितीय स्वरूप

तिरंगा वंदना की शुरुआत सरस्वती वंदना और राष्ट्र वंदना से होती है। मंच पर तिरंगा स्टैंड में स्थापित किया जाता है और कार्यक्रम में उपस्थित हर व्यक्ति अनुशासन के साथ वंदना में शामिल होता है

वंदना के प्रभावी शब्द

"हम हमारे राष्ट्र ध्वज का वंदन करते हैं और इसके प्रति अपनी निष्ठा भावना की शपथ लेते हैं। इसका यश और गौरव हमारे लगन और श्रमपूर्वक जीवन पर निर्भर है, जो कि एक अच्छे नागरिक के कर्तव्य बोध से बंधा है।" इसके साथ “या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता…” और “ऊँ सरस्वत्यै नमः” का उच्चारण होता है। समापन राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ से किया जाता है।

हर मौके पर तिरंगा

डॉ. जैन सिर्फ राष्ट्रीय पर्वों तक सीमित नहीं रहते। वे बच्चों के जन्मदिन, विवाह वर्षगाँठ, शैक्षिक और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं, शपथ ग्रहण समारोह जैसी दर्जनों परिस्थितियों में भी तिरंगा वंदना करवाते हैं। उनका मानना है — "देशभक्ति का भाव केवल खास दिनों का नहीं, बल्कि हर दिन का हिस्सा होना चाहिए।"

राष्ट्र प्रथम का संदेश 

डॉ. जैन स्पष्ट कहते हैं “हम जो भी काम करें, उसमें राष्ट्र का मान और यश बढ़ना चाहिए। तिरंगा हमारी आन-बान-शान का प्रतीक है, इसकी वंदना हर भारतीय का कर्तव्य है।” आज के युवाओं के बारे में उनका कहना है कि मोबाइल और सोशल मीडिया के इस दौर में देश के प्रतीकों के प्रति सम्मान जागृत रखना और भी ज़रूरी है। वे रोज़ाना तिरंगा वंदना को जीवन का हिस्सा बनाने की वकालत करते हैं, जिसके लिए बस एक छोटा तिरंगा और स्टैंड ही पर्याप्त है।

एक विचार, जो आंदोलन बन सकता है

तिरंगा वंदना कोई जटिल अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह एक स्वयं से और देश से किया गया जीवंत वादा है कि हम राष्ट्रहित में कर्म करेंगे। डॉ. जैन की यह पहल यह दर्शाती है कि देशभक्ति केवल भाषणों में नहीं, बल्कि छोटी-छोटी आदतों में भी जीवित रह सकती है।

Web Title: Independence Day 2025 Life painted tricolour Dr Arvind Jain's unique patriotic journey 35 years 7000 programmes awakened spirit patriotism through Tiranga Vandana

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