सूचना आयोग में बढ़ रहीं रिक्तियां, सरकार मौन, नई भर्तियों को लेकर नहीं उठाए जा रहे कदम
By हरीश गुप्ता | Updated: July 20, 2020 08:52 IST2020-07-20T06:47:26+5:302020-07-20T08:52:57+5:30
केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों के चार पद पहले से रिक्त हैं. साथ ही दो और पद भी जल्द रिक्त होने जा रहे हैं. हालांकि, सरकार इसे भरने में किसी जल्दबाजी में नजर नहीं आ रही है.

केंद्रीय सूचना आयोग में रिक्त पदों पर सरकार मौन (फाइल फोटो)
सरकार से सूचना हासिल करने के लिए आम नागरिकों के पास मौजूद मजबूत अस्त्र 'सूचना का अधिकार' का क्रियान्वयन करने वाले केंद्रीय सूचना आयोग में रिक्त पदों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आयोग में सूचना आयुक्तों के चार पद पहले से रिक्त हैं और जल्द ही दो अन्य पद रिक्त होने जा रहे हैं.
इसके बावजूद केंद्र सरकार ने इन रिक्तियों को भरने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए हैं. सरकार इस संबंध में किसी भी तरह की जल्दबाजी में नजर नहीं आ रही है.
आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त विमल जुल्का (सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी) का कार्यकाल इसी महीने खत्म होने जा रहा है जबकि इसके सदस्य दिव्य प्रकाश सिन्हा (सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी) का कार्यकाल सितंबर में पूरा हो जाएगा. स्पष्ट है कि 11 सदस्यीय स्वायत्त संस्था केंद्रीय सूचना आयोग में 6 पदों के रिक्त होने से अनिर्णय की स्थिति में और इजाफा हो जाएगा.
सतर्कता आयोग को लेकर दिखाई फुर्ती
अन्य न्यायाधिकरणों, मंडलों और निगमों में भी बड़ी संख्या में रिक्तियां हैं, लेकिन जब मामला सतर्कता आयोग में सतर्कता आयुक्त के पद पर भर्ती का आया, तो सरकार बड़ी फुर्ती में नजर आई. कार्मिक मंत्रालय ने सतर्कता आयुक्त पद के लिए आवेदन मंगाते हुए एक परिपत्र जारी किया है.
यह पद आगामी अक्तूबर में खाली होने जा रहा है, लेकिन रिक्ति के संबंध में अभी से विज्ञापन जारी कर दिया गया है. उल्लेखनीय है कि वर्तमान में संजय कोठारी मुख्य सतर्कता आयुक्त हैं, जो कुछ समय पहले तक राष्ट्रपति के सचिव थे. शरद कुमार एवं सुरेश एन. पटेल सूचना आयुक्त हैं.
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण का भी यही हाल
कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कुमार आगामी अक्तूबर में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे और उनकी जगह पर नए सूचना आयुक्त की नियुक्ति की जाएगी. साफ है कि सतर्कता आयुक्त पद पर होने वाली रिक्ति को भरने में सरकार तेजी दिखा रही है, लेकिन सूचना आयोग में रिक्त पदों की बहुतायत के बावजूद इन पदों पर भर्तियों को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा.
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (NCLAT) में भी पद रिक्त हैं, जहां हाल ही में अध्यक्ष को तीन माह का कार्यकाल विस्तार दिया गया है. उनके उत्तराधिकारी के लिए खोज अब तक शुरू नहीं हो पाई है. उल्लेखनीय है कि विपक्षी दल लगातार आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार पारदर्शिता को लेकर गंभीर नहीं है और संस्थानों को कमजोर करने में जुटी हुई है.