एल्गार परिषद मामले में आरोपी वरवर राव की बिगड़ती हालत को देखते हुए वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट से मांगी स्थायी जमानत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 8, 2022 22:25 IST2022-03-08T22:21:53+5:302022-03-08T22:25:49+5:30

वरवर राव की स्थायी जमानत के मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस एस बी शुक्रे की अगुवाई वाली बैंच ने राव को तलोजा जेल प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण करने की अवधि को 21 मार्च तक का बढ़ा दिया है। राव फिलहाल अस्थायी चिकित्सा जमानत पर मुंबई में ही हैं।

In view of the deteriorating condition of the accused Varavara Rao in the Elgar Parishad case, the lawyer sought permanent bail from the Bombay High Court | एल्गार परिषद मामले में आरोपी वरवर राव की बिगड़ती हालत को देखते हुए वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट से मांगी स्थायी जमानत

फाइल फोटो

Highlightsबॉम्बे हाईकोर्ट में पेश हुए राव के वकील आनंद ग्रोवर ने उनकी खराब सेहत के बारे में जानकारी दीकोर्ट ने स्थायी जमानत के मामले में एनआईए और जेल अधिकारियों को नोटिस जारी किया है फरवरी 2021 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने खराब स्वास्थ्य के आधार पर वरवर राव को जमानत दी थी

मुंबई: एल्गार परिषद मामले में आरोपी कवि वरवर राव के वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट से स्थायी जामनत की दरख्वास्त की है। जिसपर कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राज्य जेल के अधिकारियों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।

हाईकोर्ट ने मंगलवार को एनआईए से जानना चाहा कि एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी कवि और सामाजिक कार्यकर्ता वरवरा राव को स्थायी चिकित्सा जमानत क्यों प्रदान नहीं की जानी चाहिए जोकि कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हैं।

इस मामले में राव की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने उनकी चिकित्सा रिपोर्ट के हवाले से उन बीमारियों के बारे में जानकारी दी जिनसे वह जूझ रहे हैं।

मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस एस बी शुक्रे की अगुवाई वाली बैंच राव को तलोजा जेल प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण करने की अवधि को 21 मार्च तक का बढ़ा दिया है। राव फिलहाल अस्थायी चिकित्सा जमानत पर मुंबई में ही हैं।

जस्टिस शुक्रे ने कहा कि हाईकोर्ट की अन्य बेंच ने फरवरी 2021 में पारित अपने पिछले आदेश में राव के स्वास्थ्य हालात को देखते हुए उन्हें छह महीने की अस्थायी चिकित्सा जमानत प्रदान की थी।

उन्होंने कहा कि उस समय बेंच ने पाया था कि तलोजा जेल की स्थितियां राव की सेहत के हालात के हिसाब से उपयुक्त नहीं हैं। राव बतौर विचाराधीन कैदी तलोजा जेल में थे।

हालांकि एनआईए की ओर से पेश हुए वकील संदेश पाटिल ने राव को ऐसी राहत दिए जाने पर आपत्ति जतायी और दलील दी कि जब 2021 का आदेश पारित किया गया था, उस समय कोविड महामारी चरम पर थी।

पाटिल ने कहा, '' उस समय के निष्कर्ष कोविड के हालात पर आधारित थे। उसी समय ही अदालत ने स्थायी जमानत प्रदान क्यों नहीं की थी? अगर तलोजा जेल उनके अनुकूल नहीं है, तो उन्हें किसी अन्य जेल में भेज दीजिए।''

इसके साथ ही एनआईए के वकील ने यह भी कहा कि 82 साल राव की उम्र और कोविड के हालात को देखते हुए उस समय एजेंसी ने अस्थायी जमानत प्रदान करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती नहीं दी थी।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने वरवर राव की स्थायी जमानत अर्जी पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए एनआईए को दो सप्ताह का समय दिया है। अदालत स्थायी जमानत की अर्जी पर अंतिम जिरह की सुनवाई 21 मार्च को करेगी।

Web Title: In view of the deteriorating condition of the accused Varavara Rao in the Elgar Parishad case, the lawyer sought permanent bail from the Bombay High Court

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