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यूपी में भी अमित शाह के बयान पर सपा, बसपा और कांग्रेस का विरोध

By राजेंद्र कुमार | Updated: December 21, 2024 20:37 IST

समाजवादी पार्टी (सपा) ने शनिवार को प्रदेश के हर जिले में अमित शाह के बयान का विरोध करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। इस संबंध में सपा नेताओं के जिलाधिकारी को राष्ट्रपति को देने के लिए एक ज्ञापन भी सौंपा।

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लखनऊ: बाबा साहब को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर यूपी में भी राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने शनिवार को प्रदेश के हर जिले में अमित शाह के बयान का विरोध करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। इस संबंध में सपा नेताओं के जिलाधिकारी को राष्ट्रपति को देने के लिए एक ज्ञापन भी सौंपा।

सपा की देखा देखी अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी 24 दिसंबर को देश भर में अमित शाह के बयान का विरोध करने के लिए देशभर में आंदोलन करने का ऐलान किया है। कांग्रेस ने भी 24 दिसंबर को देश के हर जिले में बाबा साहब अंबेडकर सम्मान मार्च निकाल कर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने की मांग करने संबंधी ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजेगी। 

जारी रहेगा सपा का विरोध : 

उत्तर प्रदेश में जातीय समीकरणों के इर्द-गिर्द घूमती राजनीति को लेकर सपा, कांग्रेस और बसपा के लिए अमित शाह का बाबा साहब भीम राव अंबेडकर को लेकर दिया गया बयान दलित समाज के वोटों को अपने पाले में लाने का एक बड़ा मौका है, जिसके चलते ही सपा, कांग्रेस और बसपा ने अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दलित विरोधी बताते हुए जनता के बीच जाने के कार्यक्रम तय किए।

इस मामले में बाजी मारते हुए सपा नेताओं ने शनिवार को हर जिले में अमित शाह के बयान का विरोध करते हुए विरोध मार्च किया और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। सपा के प्रमुख प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि पार्टी का विरोध प्रदर्शन अभी तब तक जारी रहेगा जब तक अमित शाह बाबा सहन को लेकर दिये गए बयान को लेकर माफी नहीं मांगते या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल से अमित शाह को बर्खास्त नहीं करते। 

कहा जा रहा है कि यूपी में अपने विरोध प्रदर्शन के जरिए यूपी में 21 प्रतिशत वाले दलित वोट बैंक को अपने पाले में लाने की फिराक में है, जिसके चलते ही सपा ने हर जिले में सपा अमित शाह के बयान के विरोध में रविवार को प्रदर्शन किया है। 

भाजपा के संकट बढ़ा

फिलहाल यूपी की राजनीति में जिस तरह से सपा के बाद बसपा और कांग्रेस ने गृहमंत्री अमित शाह के बाबा साहेब को लेकर संसद में दिए बयान का विरोध किया है, वह भाजपा के लिए चिंताजनक है। बाबा साहेब के सम्मान में जिस तरह से सपा ने यूपी में विरोध प्रदर्शन किया है, भाजपा नेता सपा के इस कदम को दलित वोट बैंक पर सेंधमारी के नजरिए से देख रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर अखिलेश यादव बाबा साहेब के मुद्दे को भुनाने में सफल हो जाते हैं तो 2027 विधानसभा चुनाव में सपा बीजेपी के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर सामने आएगी।

टॅग्स :अमित शाहBhimrao Ambedkarसमाजवादी पार्टीबीएसपीकांग्रेस
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