नयी दिल्ली, छह अगस्त भारत में शादी करने वाले दो विदेशी नागरिकों ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि वह अधिकारियों को उनकी शादी का पंजीकरण करने का निर्देश दें क्योंकि वे पंजीकरण प्रमाण पत्र के बिना विदेश नहीं जा सकते।
अदालत ने याचिका पर दिल्ली सरकार और विवाह रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा, जिसमें कहा गया कि बार-बार अनुरोध के बावजूद, उनकी शादी का ऑनलाइन पंजीकरण नहीं हो रहा है और उनके ऑफ़लाइन आवेदन को मनमाने ढंग से अस्वीकार कर दिया गया है।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने अधिकारियों को याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो दिन का समय दिया और मामले को 11 अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
न्यायमूर्ति ने कहा, ''उम्मीद की जाती है कि यदि कानून के तहत कोई अन्य रोक नहीं है, तो प्रतिवादी नं 2 (विवाह रजिस्ट्रार) सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उनकी शादी को पंजीकृत कराने के लिए त्वरित कदम उठाएंगे।''
विवाह रजिस्ट्रार का प्रतिनिधित्व कर रहे दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील अनुज अग्रवाल ने कहा कि संबंधित एसडीएम ने कहा है कि वह मामले को देखेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
दंपति ने अधिकारियों को विशेष विवाह अधिनियम के तहत अपनी शादी को पंजीकृत करने और उन्हें ऑफ़लाइन मोड में एक प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने की मांग की।
याचिकाकर्ता दंपत्ति ने अधिवक्ता दिब्यांशु पांडे के माध्यम से कहा कि वे विदेशी नागरिक हैं और इस्लामिक कानूनों के तहत भारत में हुई अपनी शादी का पंजीकरण न होने के कारण यहां फंसे हुए हैं।
याचिका में कहा गया है कि पति एक फ्रांसीसी नागरिक है, उसकी पत्नी एक अफगान नागरिक है और उन्होंने इस साल अप्रैल में दिल्ली में शादी की और यहां रह रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि महिला को अपने पति के साथ भारत से फ्रांस यात्रा करने के लिए वीजा प्राप्त करने के वास्ते विशेष विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत विवाह प्रमाण पत्र पेश करना आवश्यक है और दिल्ली सरकार की ई-डिस्ट्रिक्ट दिल्ली वेबसाइट पर पंजीकरण के लिए आधार या भारतीय मतदाता पहचान पत्र की आवश्यकता है। जिसके अनुसार विवाह पंजीकरण के लिए आवेदन किया जा सकता है।
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