हैदराबाद: देश की राजधानी दिल्ली में बीते शनिवार को हनुमान जयंती के मौके पर हुई हिंसा के मामले में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव (केटीआर) ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूछा है कि क्या आप इस तरह की हिंसा को बर्दाश्त कर सकते हैं और क्या विश्व हिंदू परिषद कानून-व्यवस्था से उपर का संगठन है।
केटीआर ने जहांगीरपुरी हिंसा के लिए कथिततौर पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस हनुमान जयंती जुलूस के दौरान हुई हिंसा के संबंध में विहिप कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रही है।
केटीआर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से यह भी पूछा कि वह किस तरह से दिल्ली पुलिस के द्वारा कार्रवाई में की जा रही हिलाहवाली को बर्दाश्त कर रहे हैं। केटीआर ने ट्वीट करते हुए गृह मंत्री से पूछा, "गृह मंत्री अमित शाह जी क्या ये लोग देश के कानून और भारतीय दंड संहिता से ऊपर हैं?" क्या आप दिल्ली पुलिस के द्वारा की जा रही अपमानजनक कार्रवाई को बर्दाश्त करेंगे, जो सीधे आपको रिपोर्ट करती है?"
इसके साथ ही एक अन्य ट्वीट में केटीआर ने महंगाई और बढ़ती हुई कीमतों के मुद्दे पर एनडीए सरकार को घेरते हुए उसे एनपीए सरकार बताया है।
केटीआर अपने ट्वीट में लिखते हैं, "भारत में बेरोजगारी 45 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर है, मुद्रास्फीति बीते 30 साल के उच्चतम स्तर पर है, ईंधन की कीमतें सबसे ज्यादा बढ़ी हुई हैं, एलपीजी सिलेंडर की कीमत दुनिया में सबसे ज्यादा है, आरबीआई का कहना है कि उपभोक्ताओं का विश्वास कम हो रहा है। क्या हम एनडीए सरकार को एनपीए सरकार बुला सकते हैं? भक्त एनपीए के लिए यही नॉन परफॉर्मिंग एसेट है।"
मालूम हो कि जहांगीरपुरी हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने जब विहिप कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया तो संगठन ने इस मामले में चेतावनी जारी कर दी थी।
वहीं उत्तर पश्चिमी दिल्ली की डीसीपी उषा रंगनानी ने कहा कि शनिवार शाम जहांगीरपुरी में आयोजित हनुमान जुलूस के मामले में आयोजकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इससे पहले डीसीपी उषा रंगनानी ने कहा था कि दिल्ली पुलिस विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ बिना अनुमति धार्मिक जुलूस निकालने का मामला दर्ज किया था। इसके अलावा पुलिस ने हिंसा के मामले में आरोपी बनाते हुए लोकल विहिप नेता प्रेम शर्मा को कथित तौर पर गिरफ्तार भी किया था।
हालांकि बाद में पुलिस ने इस मामले में यू टर्न लेते हुए कहा कि आईपीसी की धारा 188 एक जमानती धारा और पूछताछ के बाद प्रेम शर्मा को छोड़ दिया गया। इसके अलावा पुलिस की ओर से जारी बयान में विहिप और बजरंग दल का भी नाम नहीं था।