जम्मू-कश्मीर में निकाय चुनावों की तारीखों का ऐलान, 8 अक्टूबर से 4 चरणों में होगी वोटिंग
By सुरेश डुग्गर | Published: September 15, 2018 07:00 PM2018-09-15T19:00:11+5:302018-09-15T19:03:35+5:30
जम्मू-कश्मीर में निकाय चुनावों का ऐलान कर दिया गया है। चार चरणों में होने वाले इन चुनावों के लिए मतगणना 20 अक्टूबर को होगी।
श्रीनगर, 15 सितंबर: जम्मू-कश्मीर में निकाय चुनावों का ऐलान कर दिया गया है। चार चरणों में होने वाले इन चुनावों के लिए मतगणना 20 अक्टूबर को होगी। राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त शलीन काबरा ने बताया कि चुनाव 8, 10, 13 और 16 अक्टूबर को कराए जाएंगे। वोटिंग का समय सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक रहेगा। चुनाव के ऐलान के साथ ही राज्य में आचार सहिंता लागू हो गई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त शलीन काबरा ने बताया, कि निकाय चुनाव चार चरण में कराए जाएंगे। चुनाव की तारीखें 8, 10, 13 और 16 अक्टूबर हैं। सभी चरणों की वोटिंग के बाद 20 अक्टूबर को मतगणना की जाएगी। वोटिंग सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक होगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में अब आचार संहिता लागू हो गई है।
बता दें कि राज्य की मुख्य पार्टियों नैशलन कॉन्फ्रेंस और पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (पीडीपी) ने संविधान के अनुच्छेद 35 (ए) का हवाला देते हुए, निकाय चुनावों को बहिष्कार करने का ऐलान किया है। पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि एक चुनाव जिसमें लोगों की हिस्सेदारी नहीं है, उसे केंद्र चुनाव की तरह देख रहा है तो इसमें हम क्या कह सकते हैं? हमने लोगों से चुनाव में भाग न लेने या फिर उसका बहिष्कार करने को नहीं कहा है, हमने सिर्फ इतना कहा है कि हमारी पार्टी इसमें भाग नहीं लेगी।
बता दें कि इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला ने 35 (ए) के मुद्दे पर पंचायत चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया था। फारुक ने कहा था कि जब तक केंद्र की सरकार 35 (ए) पर राज्य के लोगों के मन में व्याप्त संशय की भावना का समाधान नहीं करती, तब तक नेशनल कॉन्फ्रेंस पंचायत चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी।
पीडीपी की अध्यक्ष और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी की एक बैठक के बाद राज्य के पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया था। महबूबा की दलील थी कि प्रदेश में अनुच्छेद 35 (ए) को लेकर एक बड़ी अनिश्चितता और डर का माहौल है, ऐसे में अगर इन स्थितियों में सरकार कोई भी चुनाव कराती है तो परिणामों के बाद उसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होंगे।