बिहार में तेजस्वी यादव ने कहा-बाढ़ से प्रभावित लोग हैं त्राहिमाम, लेकिन मजाल है मुख्यमंत्री की नींद टूटे
By एस पी सिन्हा | Published: August 16, 2020 05:26 PM2020-08-16T17:26:37+5:302020-08-16T17:26:37+5:30
तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 16 जिले, 130 प्रखंड और 81 लाख लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. नीतीश कुमार सरकार कुंभकर्णी निद्रा में है.
पटना: बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक बार फिर प्रदेश में आई बाढ और कोरोना काल में घर लौटे श्रमिकों के नाम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. वह आज सारण के बाढ प्रभावित इलाकों का हाल जानने निकले थे.
उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की, इसी दौरान वह परसा विधानसभा क्षेत्र की जनता से भी मिलने पहुंचे. वहां सरकार की तरफ से किए जा रहे इंतजामों के बाबत पूछा और साथ ही साथ यह भी जानकारी ली कि जनप्रतिनिधि उनके लिए क्या कर रहे हैं? स्थानीय लोगों ने तेजस्वी को अपनी पीडा बताई.
वहीं, तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 16 जिले, 130 प्रखंड और 81 लाख लोग बाढ से बुरी तरह प्रभावित हैं. नीतीश सरकार कुंभकर्णी निद्रा में है. प्रभावित पीडित लोग बता रहे हैं कि बाढ राहत और मदद के नाम पर खुली लूट हो रही है. 40 लाख प्रवासी श्रमिक और 81 लाख बाढ प्रभावित त्राहिमाम कर रहे हैं, लेकिन मजाल है मुख्यमंत्री की नींद टूटे.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने एक फोटो जारी करते हुए कोरोना सैंपल जांच को निशाना बनाया है. उन्होंने बिना पीपीई किट के स्वास्थ्यकर्मी का फोटो जारी करते हुए लिखा है कि यह नीतीश मार्का वर्ल्ड क्लास कोरोना टेस्टिंग है.
बिना पीपीई किट और शारीरिक दूरी के जांच हो रही है. विपक्ष के भारी दबाव के बाद 15 वर्षीय सुशासनी सह विज्ञापनी सरकार अब प्रतिदिन 1 लाख 20 हजार जांच का आंकडा ऐसे पूरा कर रही है. 10 हजार जांच में 3000 पॉजिटिव थे और 1 लाख 20 हजार में भी.
यहां उल्लेखनीय है कि तेजस्वी यादव सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री नीतीश पर लगातार ट्वीट और बयान के जरिये हमला कर रहे हैं. यही वजह है कि स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री बिफर पडे थे. उन्होंने समारोह के बाद अपने संबोधन पर सोशल मीडिया पर की जा रही अपनी सरकार की कथित तौर पर आलोचना को लेकर विरोधियों पर जमकर निशाना साधा था.
मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा था कि 'घर में बैठकर कुछ भी ट्वीट कर देना फैशन हो गया है, वह भी बिना जाने कि क्या उपलब्धि हासिल की गई है. लोगों को उनकी उपलब्धि बेहतर तरीके से समझने के लिए उनके सत्ता में आने से पहले की राज्य की दयनीय हालत पर गौर करना चाहिए.
खासतौर पर हमारी युवा पीढी को यह जानना चाहिए कि 15 वर्ष पहले के हालात कैसे थे. मुख्यमंत्री ने कहा था कि मैं अपने अधिकारियों से भी लगातार कहता रहता हूं. गड्ढों की वजह से शायद ही सडक दिखाई देती थी. बिजली आपूर्ति की दयनीय स्थिति थी, जिसे हमने बदल दिया है.