आईआईटी मद्रास ने बिजली पारेषण नेटवर्क में प्रदूषण स्तर की पहचान के लिए तकनीक विकसित की
By भाषा | Updated: September 2, 2021 18:41 IST2021-09-02T18:41:26+5:302021-09-02T18:41:26+5:30

आईआईटी मद्रास ने बिजली पारेषण नेटवर्क में प्रदूषण स्तर की पहचान के लिए तकनीक विकसित की
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शोधकर्ताओं ने बिजली पारेषण नेटवर्क में जमा होने वाले प्रदूषण के स्तर की पहचान के लिए एक कुशल तकनीक विकसित करने का दावा किया है। संस्थान द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, "इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर सारथी और इंजीनियरिंग डिजाइन विभाग के प्रोफेसर एन जे वासा के अनुसंधान समूहों ने लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी (एलआईबीएस) पर आधारित एक बढ़िया तकनीक विकसित की है।" अनुसंधान दल एनटीपीसी, पावर ग्रिड और अन्य उपयोगिता इकाइयों से संपर्क करने की योजना बना रहा है ताकि इस तकनीक का प्रदर्शन किया जा सके और वास्तविक बिजली प्रणाली नेटवर्क में इसका उपयोग किया जा सके। प्रदूषण से संबंधित विद्युत फ्लैशओवर काम करने की स्थिति में होता है और इससे सिस्टम ठप हो सकता है। इस शोध के प्रमुख अनुप्रयोगों और लाभों में बिजली आपूर्ति को बाधित किए बिना ऑनलाइन निगरानी शामिल है। इस प्रभावी तकनीक का उपयोग करके, किसी भी दूरस्थ स्थान पर ट्रांसमिशन लाइन इंसुलेटर और पवन चक्कियों पर प्रदूषण स्तर की पहचान की जा सकती है।
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