IIT खड़गपुर ने शाकाहारी और मांसाहारी छात्रों के लिए डाइनिंग हॉल में अलग-अलग बैठने की व्यवस्था संबंधी नोटिस वापस लिया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 12, 2025 15:10 IST2025-09-12T15:10:25+5:302025-09-12T15:10:25+5:30
संस्थान के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि बी.आर. अंबेडकर हॉल में बैठने की व्यवस्था अलग-अलग करने संबंधी नोटिस उच्च अधिकारियों की जानकारी के बिना जारी किया गया था।

IIT खड़गपुर ने शाकाहारी और मांसाहारी छात्रों के लिए डाइनिंग हॉल में अलग-अलग बैठने की व्यवस्था संबंधी नोटिस वापस लिया
खड़गपुर: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर ने शाकाहारी और मांसाहारी भोजन की आदतों और पसंद के आधार पर छात्रावास के भोजन कक्षों में बैठने की व्यवस्था अलग-अलग करने संबंधी नोटिस वापस ले लिया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। संस्थान के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि बी.आर. अंबेडकर हॉल में बैठने की व्यवस्था अलग-अलग करने संबंधी नोटिस उच्च अधिकारियों की जानकारी के बिना जारी किया गया था।
उन्होंने कहा, "जैसे ही उन्हें इस फैसले के बारे में पता चला, संस्थान के उच्च अधिकारियों से तुरंत परामर्श के बाद इसे रद्द कर दिया गया।" उन्होंने कहा, "भोजन कक्ष में एकत्रित छात्रों को उनकी पसंद के आधार पर अलग करने के लिए ऐसा कोई साइनेज नहीं होना चाहिए। हमने आदेश दिया है कि जिस भी भोजन कक्ष में ऐसे साइनेज हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाए।"
चक्रवर्ती ने आगे कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान को किसी व्यक्ति की भोजन संबंधी पसंद के आधार पर इस तरह का अलगाव का आदेश नहीं देना चाहिए। 16 अगस्त को, बी.आर. अंबेडकर हॉल ऑफ रेजिडेंस के बोर्डर्स को एक नोटिस जारी कर शाकाहारी और मांसाहारी भोजन के लिए अलग-अलग निर्धारित स्थानों पर बैठने के लिए कहा गया था।
इससे छात्रावास के छात्रों में खलबली मच गई और उन्होंने इस कदम की आलोचना की। जैसे ही यह खबर फैली, पूर्व छात्र छात्रावास के छात्रों के समर्थन में आ गए, जिन्होंने इस तरह के अलगाव की आलोचना करते हुए कहा कि इससे विभाजन को बढ़ावा मिलता है।
8 सितंबर को, संस्थान ने सभी हॉल वार्डनों को एक नए नोटिस में निर्देश दिया कि शाकाहारी, मांसाहारी, जैन और अन्य श्रेणियों के अनुसार मेस के भोजन का कोई भी अलगाव केवल तैयारी और वितरण के स्तर पर ही किया जाना चाहिए। नोटिस में कहा गया था, "भोजन कक्ष में बैठने के लिए इस तरह का कोई अलगाव नहीं होना चाहिए।"
16 अगस्त को अंबेडकर हॉल में मेज़ों पर साइनेज लगाने का कदम शाकाहारी छात्रावासियों के एक वर्ग की शिकायत के बाद उठाया गया था कि उसी स्थान पर मांसाहारी भोजन करने वाले लोग चिकन, मछली और मटन पकाकर उनके लिए असुविधा पैदा कर रहे हैं। उन्होंने भोजन कक्ष में शाकाहारी और मांसाहारी लोगों को अलग-अलग रखने का आग्रह किया था।
अंबेडकर हॉल में हुई घटना के बाद जारी किया गया यह नोटिस अन्य छात्रावासों के भोजन कक्षों में भी तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा, जहाँ इस तरह की अलगाव की प्रथाएँ प्रचलित हैं। निदेशक ने कहा कि सिद्धांततः, कहीं भी इस तरह का अलगाव नहीं हो सकता और न ही होना चाहिए।