मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जारी शब्द युद्ध में अब नरमी देखने को मिल रही है। कमलनाथ ने आज कहा कि मैं कभी शिवराज सिंह चौहान से नाराज नहीं हुआ तो सिंधिया से कैसे हो सकता हूं। कमलनाथ के इस बयान के बाद अब नहीं लगता कि दोनों नेता इस लड़ाई को आगे ले जाने के मूड में हैं। संभावना यह भी जताई जा रही है कि इसी हफ्ते कमलनाथ और सिंधिया मुलाकात कर गिले-शिकवे दूर सकते हैं।
याद दिला दें कि बीते दिनों सिंधिया ने कहा था कि मैं एक जन सेवक हूं और जनता के लिए लड़ना ही मेरा धर्म है। उन्होंने पत्रकारों से कहा था कि यदि वादे पूरे नहीं होते तो आपको सड़कों पर उतरना पड़ेगा। टीकमगढ़ में एक रैली के दौरान सिंधिया ने कमलनाथ को चेताया था कि यदि राज्य सरकार आंदोलनकारी अतिथि शिक्षकों की मांगों को पूरा नहीं करेगी तो आंदोलन करेंगे। इस पर नाराजगी जताते हुए सीएम कमलनाथ ने सिंधिया को आंदोलन करने की चुनौती दी थी। अकसर देखने को मिला है कि 15 साल बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की वापसी के बाद से ही सिंधिया और कमलनाथ के समर्थकों के बीच तनावपूर्ण रिश्ता बना हुआ है।