लखनऊ:समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को कांग्रेस से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या गठबंधन राज्य स्तर पर भी है, इसके कुछ दिन बाद ही उन्होंने कहा कि विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) केवल राष्ट्रीय स्तर पर है। उन्होंने अगले महीने पांच राज्यों में होने वाले चुनावों से कुछ हफ्ते पहले संवाददाताओं से कहा, “अब हमारे पास जानकारी है कि गठबंधन केवल दिल्ली के [राष्ट्रीय] स्तर पर है। ठीक है, समय आने पर हम दिल्ली के बारे में बात करेंगे। अब जब हमने स्वीकार कर लिया है कि गठबंधन राज्य चुनावों पर लागू नहीं होता है, तो हम आगे बढ़े और उन [मध्य प्रदेश] चुनावों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा शुरू कर दी।''
यहां अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, पूर्व में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता ने बैठक बुलाई थी, जिसमें हमने उन्हें समाजवादी पार्टी की पूरी रिपोर्ट दिखाई। रात 1 बजे तक समाजवादी पार्टी के नेताओं को उन्होंने जगाया और आश्वासन दिया कि हम 6 सीटों पर विचार करेंगे लेकिन जब सीटें घोषित की गईं तो समाजवादी पार्टी शून्य रही। अगर मुझे पहले पता होता कि विधानसभा स्तर पर इंडिया का कोई गठबंधन नहीं है तो हम उसमें कभी मिलने नहीं जाते। समाजवादी पार्टी के साथ जैसा व्यवहार होगा वैसा व्यवहार उनको (कांग्रेस) देखने को मिलेगा।"
मंगलवार को सीतापुर में राष्ट्रीय चुनाव से संबंधित सपा के एक कार्यक्रम में शामिल हुए यादव ने कहा कि उनकी पार्टी 2024 के राष्ट्रीय चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। मध्य प्रदेश चुनाव के लिए सपा ने 31 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। पार्टी के मध्य प्रदेश चुनाव प्रभारी व्यासजी गोंड ने कहा कि वे सभी 230 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की कोशिश करेंगे।
सपा राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए उत्तर प्रदेश के बाहर विस्तार करने की कोशिश कर रही है। 1992 में अपनी स्थापना के बाद से यह एक क्षेत्रीय पार्टी रही है। सपा ने उत्तर प्रदेश के बाहर अपनी सबसे बड़ी सफलता 2003 में मध्य प्रदेश में दर्ज की जब उसने 161 सीटों पर चुनाव लड़कर सात पर जीत हासिल की थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में उसने 52 सीटों पर चुनाव लड़ा और एक सीट जीती। तब से एकमात्र विधायक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं।