इस पौधे से हो सकता है कोरोना का इलाज, एग्रीकल्चर रिसर्च में दावा- हर्बल तरीका कर सकता है मदद

By पल्लवी कुमारी | Updated: June 7, 2020 12:01 IST2020-06-07T12:01:19+5:302020-06-07T12:01:19+5:30

भारत में कोरोना मरीजों की संख्या 2,46,628 हो चुकी है। इसमें 1,20,406 सक्रिय मामले हैं और 1,19,293 ठीक हो चुके हैं। कोरोना से मरने वालों की संख्या 6,929 हो चुकी है।

ICAR’s institute NRCE claims to found herbal extract which may be treat Covid-19 patients | इस पौधे से हो सकता है कोरोना का इलाज, एग्रीकल्चर रिसर्च में दावा- हर्बल तरीका कर सकता है मदद

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsकोरोना मरीज के इलाज में कौन सा हर्बल पौधा काम आ सकता है? इस सवाल का जवाब देने से  बीएन त्रिपाठी ने मना कर दिया। ICAR ने अपने नोट में कहा है कि कोरोना महामारी के ऐसे वक्त में ICAR-NRCE हिसार के वैज्ञानिकों ने कुछ नेचुरल प्रॉडक्‍ट्स पर रिसर्च किया है।

नई दिल्ली:  भारत में कोरोना के 2 लाख 46 हजार से अधीक मामले हो गए हैं और विश्व में कोरोना मामलों की संख्या में स्पेन को पीछे छोड़ अब भारत 5वें नंबर पर आ गया है। दुनियाभर के वैज्ञानिक और रिसर्चर कोरोना वैक्सीन या कोरोना मरीजों के लिए इलाज करने वाली दवा पर रिसर्च कर रहे हैं। ऐसे में हिसार के नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्‍वॉइन्‍स (NRCE) के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कुछ हर्बल पौधों में ऐसे कम्‍पाउंड पाए गए हैं, जो कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों का इलाज करने में मददगार साबित हो सकता है। नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्‍वॉइन्‍स (NRCE) संस्था इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (ICAR)तहत काम करता है। आईसीएआर ने इस रिसर्च को लेकर एक नोट भी जारी किया है। जिसमें दावा किया गया है कि इससे कोरोना मरीजों के इलाज के लिए  वैज्ञानिकों को मदद मिल सकती है। 

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, NRCE के डिप्‍टी डायरेक्‍टर जनरल बीएन त्रिपाठी ने कहा है, यह एक ऐसी लीड है, जिससे नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्‍वॉइन्‍स (NRCE) के वैज्ञानिकों को कई वायरस के खिलाफ अच्छे नतीजे दिए हैं। 

कोरोना मरीज के इलाज में कौन सा हर्बल पौधा काम आ सकता है? इस सवाल का जवाब देने से  बीएन त्रिपाठी ने मना कर दिया। उन्होंने कहा, फिलहाल मैं सिर्फ इतना बता सकता हूं कि वे हर्बल प्‍लांट्स देश में कई आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में इस्‍तेमाल हो रहे हैं। 

ICAR ने अपने जारी किए नोट में क्या कहा? 

ICAR ने अपने नोट में कहा है कि कोरोना महामारी के ऐसे वक्त में ICAR-NRCE हिसार के वैज्ञानिकों ने कुछ नेचुरल प्रॉडक्‍ट्स पर रिसर्च किया है। ये प्रॉडक्‍ट्स काफी इस्तेमाल भी किए जाते हैं। इसका इस्तेमाल आमतौर पर लोग खांसी-बुखार में करते हैं। 

ICAR ने अपने नोट में कहा फिलहाल वैज्ञानिकों ने चिकन कोरोना वायरस के इन्‍फेक्‍शन मॉडल के स्‍टडी में इसका इस्‍तेमाल किया है ताकि कुछ हर्बल पौधों के एंटीवायरल इफेक्‍ट को जांचा जा सके। कहा जा रहा है कि पौधे के रस से इलाज किया जा सकता है। 

बता दें कि चिकन कोरोना वायरस वो पहला कोरोना वायरस था जिसे 1930 में पहचाना गया। यह पॉउल्‍ट्री में गंभीर इन्‍फेक्‍शन पैदा करता है।

भारत कोरोना अपडेट:  देश में एक दिन में कोविड-19 के सर्वाधिक 9,971 मामले, मृतक संख्या 6,929 हुई

देश में रविवार(7 जून)  को लगातार पांचवे दिन भी एक दिन में सर्वाधिक मामले सामने आने का सिलसिला जारी रहा जहां, 9,971 नये मामले सामने आने से देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,46,628 पर पहुंच गई है वहीं मृतक संख्या 6,929 हो गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में शनिवार सुबह से लेकर पिछले 24 घंटों में 287 लोगों की मौत हुई है। शनिवार को भारत स्पेन को पीछे छोड़कर कोविड-19 वैश्विक महामारी से बुरी तरर प्रभावित दुनिया का पांचवा देश बन गया है अब, केवल अमेरिका, ब्राजील, रूस और ब्रिटेन ही उससे इस मामले में ऊपर हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब भी 1,20,406 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। मंत्रालय ने बताया कि कुल 1,19,292 लोग बीमारी से स्वस्थ हो गए हैं और एक मरीज विदेश चला गया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अब तक करीब 48.36 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।” संक्रमण के कुल मामलों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। 

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