कांग्रेस की पूर्व नेता सुष्मिता देव ने मंगलवार को कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस में ‘‘बिना किसी शर्त’’ के शामिल हुई हैं और पार्टी अध्यक्ष तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जो भी जिम्मेदारी उन्हें देंगी, वह उसे संभालेंगी। कांग्रेस की महिला इकाई की प्रमुख रहीं देव सोमवार को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं-अभिषेक बनर्जी और डेरेक ओ’ब्रायन की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गई थीं। देव ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि तृणमूल कांग्रेस में शामिल होकर मैंने अपनी विचाराधारा से समझौता किया है...तृणमूल में बिना किसी शर्त के शामिल हुई हूं और ममता बनर्जी जो भी जिम्मेदारी देंगी, मैं उसे संभालूंगी।’’ पूर्व सांसद देव कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की प्रमुख थीं। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा लेकिन पार्टी छोड़ने की कोई वजह नहीं बताई। देव ने कहा, ‘‘राजनीति में अपने 30 वर्षों में मैंने कांग्रेस आलाकमान से कोई भी मांग नहीं की।’’कांग्रेस छोड़ने के कारणों से संबंधित सवालों को टालते हुए देव ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी के बीच तुलना करना गलत है। उन्होंने कहा, ‘‘हम नहीं जानते कि भविष्य में क्या है। आप देखेंगे कि दोनों (राहुल गांधी और अभिषेक बनर्जी) के साथ आने पर क्या जादू होगा।’’ देव ने कहा, ‘‘कांग्रेस से मेरा लंबा रिश्ता रहा है और मैंने अपने त्यागपत्र में उस बारे में सबकुछ लिखा है। मुझे कांग्रेस में कई अवसर मिले और मैंने सभी दायित्वों के प्रति न्याय करने की कोशिश की। कई लोगों ने मुझसे बात करने की कोशिश की, लेकिन मैं उपलब्ध नहीं थी। 15 अगस्त के दिन मैंने कांग्रेस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा दे दिया।’’ ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए देव ने कहा, ‘‘मैं तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय में पहली बार आई हूं। ममता दी (ममता बनर्जी) मेरी आदर्श हैं और पार्टी में मुझे स्वीकार करने के लिए उनका धन्यवाद।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ममता बनर्जी के नेतृत्व में, मैं उनके विजन को और शक्तिशाली बनाऊंगी। बंगाल में ममता दी का काम प्रेरित करनेवाला है। ममता बनर्जी के साथ मेरे संबंध सिर्फ राजनीतिक नहीं हैं, हमारे पारिवारिक संबंध हैं।’’ सूत्रों का कहना है कि देव को असम और त्रिपुरा में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी, जहां तृणमूल कांग्रेस अपने विस्तार की कोशिशें कर रही है। उन्होंने कहा कि देव संशोधित नागरिक कानून (सीएए) सहित कई मुद्दों पर कांग्रेस आलाकमान से नाराज थीं। उन्होंने पार्टी के रुख के विपरीत इस कानून का समर्थन किया था। सीएए के बारे में पूछे जाने पर देव ने कहा, ‘‘सुष्मिता देव ने कभी भी संविधान या मानवाधिकारों के खिलाफ बात नहीं की है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी कांग्रेस से नेताओं को तोड़ रही है, ओ ब्रायन ने कहा कि उनकी पार्टी इस तरह की तरकीबों में विश्वास नहीं करती। उन्होंने कहा, ‘‘यदि समान दृष्टिकोण वाले प्रतिभाशाली लोग हमारे पास आते हैं तो हम उनका स्वागत करते हैं।’’ असम के लिए भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर नेताओं ने कहा, ‘‘असम, त्रिपुरा या शेष राज्यों के लिए योजना का सितंबर में खुलासा किया जाएगा।
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