महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने दी शिवसेना को खुली चुनौती, कहा- अरे इतना आश्वस्त है तो दोबारा लड़ ले चुनाव 

By रामदीप मिश्रा | Updated: February 16, 2020 17:53 IST2020-02-16T17:50:45+5:302020-02-16T17:53:53+5:30

पवार ने रविवार को एल्गार परिषद मामले में आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की पूर्व फड़नवीस सरकार ''कुछ छुपाना'' चाहती थी इसलिए मामले की जांच केंद्र सरकार ने एनआईए को सौंप दी है।

I challenge Shiv Sena to fight elections again if you are so confident says Devendra Fadnavis in Mumbai | महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने दी शिवसेना को खुली चुनौती, कहा- अरे इतना आश्वस्त है तो दोबारा लड़ ले चुनाव 

देवेंद्र फड़नवीस (फाइल फोटो)

Highlightsदेवेंद्र फड़नवीस ने शिवसेना पर हमला बोला है और उन्होंने उसे खुली चुनौती दी है कि वह आश्वस्त है तो दोबारा चुनाव लड़े। वेंद्र फड़नवीस ने भीमा कोरेगांव मामल NIA को सौंपने के लिए सीएम उद्धव ठाकरे को धन्यवाद कहा है।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिग्गज नेता देवेंद्र फड़नवीस ने शिवसेना पर हमला बोला है और उन्होंने उसे खुली चुनौती दी है कि वह आश्वस्त है तो दोबारा चुनाव लड़े। हालांकि देवेंद्र फड़नवीस ने भीमा कोरेगांव मामल NIA को सौंपने के लिए सीएम उद्धव ठाकरे को धन्यवाद कहा है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, मुंबई में देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, 'मैं आपको (शिवसेना) को चुनौती देता हूं कि अगर आप इतने आश्वस्त हैं तो फिर से चुनाव लड़ें। चुनाव में बीजेपी अकेले कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना को हराएगी।

उन्होंने कहा, भीमा कोरेगांव मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में स्थानांतरित करने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को धन्यवाद देता हूं। शरद पवार इसका विरोध कर रहे थे क्योंकि उन्हें डर था कि एनआईए की जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।

एलगार परिषद मामले की जांच एनआईए को सौंपने की अनुमति देने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की आलोचना करने के अगले दिन बाद ही राकांपा अध्यक्ष शरद पवार मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा करते दिखे थे। 

पवार ने रविवार को एल्गार परिषद मामले में आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की पूर्व फड़नवीस सरकार ''कुछ छुपाना'' चाहती थी इसलिए मामले की जांच केंद्र सरकार ने एनआईए को सौंप दी है। माओवादियों से कथित संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किए गए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मामले की पड़ताल विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपे जाने की पहले ही मांग कर चुके पवार ने कहा कि केंद्र सरकार को जांच एनआईए को सौंपने से पहले राज्य सरकार को भरोसे में लेना चाहिए था।

पिछले महीने इस मामले की जांच पुणे पुलिस से लेकर एनआई को सौंपे जाने के कदम की राज्य की शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी नीत सरकार ने निंदा की थी। ये मामला पुणे के शनिवारवाड़ा में 31 दिसंबर 2017 को एल्गार परिषद संगोष्ठी में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने से जुड़ा है। 

पुलिस ने दावा किया था कि इन भाषणों के चलते ही अगले दिन जिले के कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा हुई थी। पुलिस ने दावा किया था कि संगोष्ठी के आयोजन को माओवादियों का समर्थन था। जांच के दौरान पुलिस ने वामपंथी झुकाव वाले कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। 

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