तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख के. चन्द्रशेखर राव ने बृहस्पतिवार को लगातार दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।राज्य में समयपूर्व, सात दिसंबर को हुए विधानसभा चुनाव में राव की पार्टी ने शानदार जीत हासिल की है। केसीआर के नाम से लोकप्रिय राव को राजभवन परिसर में आयोजित सादे समारोह में राज्यपाल ई. एस. एल. नरसिम्हन ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। राव के साथ पार्टी एमएलसी मोहम्मद महमूद अली ने भी बतौर मंत्री पद की शपथ ली। अली पूर्ववर्ती टीआरएस सरकार में उपमुख्यमंत्री थे।पार्टी के नव-निर्वाचित विधायकों ने बुधवार को सर्वसम्मति से राव को विधायक दल का नेता चुना।राज्य में 119 विधानसभा सीटों के लिए सात दिसंबर को हुए चुनाव में टीआरएस को 88 सीटें मिली हैं। वहीं कांग्रेस की अगुवाई में बना ‘प्रजा कुटमी’ गठबंधन केवल 21 सीटें ही जीत पाया। राज्य में भाजपा को केवल एक ही सीट मिली है। टीआरएस को मिला वोट प्रतिशत 2014 में अविभाजित आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में मिले मतों से करीब 13 प्रतिशत अधिक है।के चंद्रशेखर राव की अगुवाई वाली टीआरएस ने राज्य में 88 सीटों पर जीत हासिल की है और इसने कांग्रेस-तेदेपा के नेतृत्व वाले ‘पीपुल्स फ्रंट’ की चुनौती को ध्वस्त कर दिया है। इस गठबंधन में टीजेएस और भाकपा भी शामिल थी।चुनाव आयोग द्वारा मुहैया कराये गये आंकड़ों के मुताबिक, टीआरएस को 2014 के चुनाव में 63 सीटें मिली थी और उसे करीब 34.3 प्रतिशत वोट मिला था।इस बार कांग्रेस को 28.4 प्रतिशत वोट मिला और उसने 19 सीटें हासिल की जो पिछले बार हासिल की गयी सीटों की संख्या से दो कम है। तेदेपा को केवल दो सीटें मिली जबकि 2014 में उसे कुल 15 सीटें मिली थी।गठबंधन के दो अन्य सहयोगी खाता खोलने में भी विफल रहे।भाजपा को सात प्रतिशत, तेदेपा को तीन प्रतिशत और असादुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम को 2.7 प्रतिशत वोट मिला।राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रजत कुमार के मुताबिक, तेलंगाना में कुल 2.80 करोड़ मतदाताओं में से 73.2 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। सात दिसंबर को हुए विधानसभा चुनाव में टीआरएस ने 119 सदस्यीय विधानसभा में 88 सीटों पर जीत हासिल की। राव ने सिद्दीपेट जिले की गजवेल सीट से 58,290 मतों के अंतर से जीत हासिल की।