कोरोना की मार झेल रहे डब्बेवालों को बड़ी राहत, एचएसबीसी बैंक ने किया 15 करोड़ रुपये की सहायता का ऐलान
By दीप्ती कुमारी | Published: June 18, 2021 03:35 PM2021-06-18T15:35:31+5:302021-06-18T15:35:31+5:30
कोरोना काल में डब्बावालों की मदद के लिए एक विदेशी बैंक ने हाथ आगे बढ़ाया है। एचएसबीसी बैंक ने मुंबई के डब्बावालों की मदद के लिए 15 करोड़ रुपए अनुदान में देने की घोषणा की है ।
मुंबई : कोरोना संकट के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ा है। लोग बेरोजगार हो गए हैं और आर्थिक संकट की मार भी झेल रहे हैं। इस दौरान वित्तीय संकट से जूझ रहे मुंबई के डब्बा वालों की मदद करने के लिए एक विदेशी बैंक ने हाथ आगे बढ़ाया है ।
विदेशी बैंक एचएसबीसी ने मुंबई के डब्बा वालों की मदद के लिए 15 करोड़ रुपए अनुदान की घोषणा की है । मुंबई में लोगों के घर,दफ्तरों में खाने के डब्बों की आपूर्ति करने वाले लोग मार्च 2020 में महामारी की शुरुआत के बाद से ही खाली बैठे हैं । दफ्तर जाने वाले ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम पर है । इससे डब्बा वालों की आजीविका लगभग ठप पड़ गई है।
ऐसे में एक बयान में कहा गया कि डब्बा वालों को आमतौर पर शहर की लोकल ट्रेनों भीड़भाड़ वाले वाणिज्यिक प्रतिष्ठान और आवासीय क्षेत्रों में देखा जाता है । डब्बा वालों को बैंक की सहायता के तहत खाद्य सुरक्षा , जीवन बीमा, उनके परिवारों के लिए शिक्षा सहायता और लॉक डाउन खुलने के बाद नई साइकिल के रूप में आजीविका सहायता मिलेगी ।
मुंबई में डब्बा वालों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क है ।
यह लोग किसी नौकरी करने वाले के घर से टिफिन उठाते हैं । उसे उपनगरीय रेलवे से होते हुए दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाते हैं और अंत में साइकिल के जरिए खाने का डब्बा संबंधित व्यक्ति तक पहुंचाया जाता है। डब्बा वालों का जिक्र कई बॉलीवुड फिल्मों में भी है।
भारत में बैंक के अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी हितेंद्र दवे ने कहा कि यह डब्बावाला महानगर के कामकाजी लोगों का अभिन्न अंग है जो महामारी से प्रभावित हुए और उनके जीवनयापन का संकट उत्पन्न हुआ है । बैंक डब्बा वालों तक पहुंचने और मदद करने के लिए एनजीओ यूनाइटेड वे मुंबई के साथ काम कर रहा है । उन्होंने उम्मीद जताई है कि यह वित्तीय सहायता इन चुनौतीपूर्ण समय के दौरान डब्बा वालों को प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने में मदद करेगी ।
एचएसबीसी के बयान में कहा गया कि डब्बा वाले रोजाना 2 लाख लोगों को सेवा देते रहे हैं लेकिन महामारी के कारण का पूरा काम ठप हो गया है । ज्यादातर लोग घर से काम करने लगे हैं तो इनकी आजीविका पर बुरा असर पड़ा है।