BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- भूखे-प्यासे प्रवासी मजदूरों से रेल किराया वसूलना भारत सरकार की कैसी नैतिकता है?

By रामदीप मिश्रा | Updated: May 4, 2020 13:42 IST2020-05-04T13:42:21+5:302020-05-04T13:42:21+5:30

रेलवे ने सफाई देते हुए कहा कि उसने प्रवासी मजदूरों से कोई किराया नहीं वसूला है। रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को कोई टिकट नहीं बेचा है। रेलवे राज्य सरकारों से केवल मानक किराया वसूल रहा है, जो रेलवे की कुल लागत का महज 15% है।

How moronic of the Government of India to charge steep rail fares from the half starved migrant labourers says subramanian swamy | BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- भूखे-प्यासे प्रवासी मजदूरों से रेल किराया वसूलना भारत सरकार की कैसी नैतिकता है?

File Photo

Highlightsबीजेपी का कहना है कि विशेष ट्रेनों के टिकट के किराये में 85 प्रतिशत की सब्सिडी दी है और शेष 15 फीसदी किराया राज्य सरकार को देना होगा।सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि भूखे-प्यासे प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए रेल किराया वसूलना भारत सरकार की कैसी नैतिकता है।

नई दिल्लीः देश के कई हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों व कामगारों से रेलवे द्वारा किराया वसूलने पर राजनीति गरम है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का कहना है कि विशेष ट्रेनों के टिकट के किराये में 85 प्रतिशत की सब्सिडी दी है और शेष 15 फीसदी किराया राज्य सरकार को देना होगा। इस बीच बीजेपी नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े कर दिए। 

सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा, 'भूखे-प्यासे प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए रेल किराया वसूलना भारत सरकार की कैसी नैतिकता है। एयर इंडिया द्वारा विदेश में फंसे भारतीयों को मुफ्त में वापस लाया गया। अगर रेलवे ने खर्च उठाने से मना कर दिया तो पीएम केअर्स के जरिए भुगतान क्यों नहीं किया?'

इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि एक तरफ रेलवे दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों से किराया वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रुपये का चंदा दे रहा है। जरा ये गुत्थी सुलझाइए! कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा कि इन मजदूरों के लौटने पर होने वाले खर्च का वहन पार्टी की प्रदेश इकाइयां करेंगी।

 
मामला बढ़ने के बाद रेलवे ने सफाई देते हुए कहा कि उसने प्रवासी मजदूरों से कोई किराया नहीं वसूला है। रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को कोई टिकट नहीं बेचा है। रेलवे राज्य सरकारों से केवल मानक किराया वसूल रहा है, जो रेलवे की कुल लागत का महज 15% है। रेलवे ने केवल राज्यों द्वारा प्रदान की गई सूचियों के आधार पर यात्रियों को ट्रेनें में यात्रा की अनुमति दी है।

बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि संबंधित राज्य सरकार भी टिकट के लिए भुगतान कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार यह कर रही है। उन्होंने राहुल गांधी से कहा कि वह कांग्रेस शासित राज्यों को भी ऐसा ही करने को कहें। पात्रा ने ट्वीट किया, 'राहुल गांधी जी मैंने केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश संलग्न किए है, जिसमें साफ-साफ लिखा है 'किसी भी स्टेशन पर कोई भी टिकट नहीं बेचा जाएगा।' रेलवे ने 85 प्रतिशत की सब्सिडी दी है और राज्य सरकारें 15 फीसदी का भुगतान करेंगी। राज्य सरकार टिकट के पैसों का भुगतान कर सकती हैं (मध्य प्रदेश सरकार भुगतान कर रही है)। कांग्रेस शासित राज्यों से ऐसा ही करने के लिए कहिए।' 

उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रत्येक 'श्रमिक एक्सप्रेस' में गंतव्य तक पहुंचने के लिए लगभग 1,200 टिकट रेलवे द्वारा संबंधित राज्य सरकार को सौंपे जाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को टिकट की कीमत साफ करनी चाहिए और टिकटों को कामगारों को सौंपना चाहिए। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि उसने निर्णय लिया है कि वह लॉकडाउन की वजह से कार्यस्थलों पर फंसे प्रवासी कामगारों और श्रमिकों के घर जाने के लिए रेलवे के टिकट का खर्च उठाएगी।

Web Title: How moronic of the Government of India to charge steep rail fares from the half starved migrant labourers says subramanian swamy

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे