महाराष्ट्र: फ्लोर टेस्ट में नंबर कैसे जुटाएगी बीजेपी, क्या अजित पवार ने भाजपा को अंधेरे में रखा?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 25, 2019 09:02 IST2019-11-25T09:02:59+5:302019-11-25T09:02:59+5:30

एनसीपी पार्टी के 49 विधायक शरद पवार के फैसले के साथ खड़े हो गए। जो 5 विधायक अजित के साथ थे, वह भी अब शरद पवार के साथ हो गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर देवेंद्र फड़नवीस व अजित की सरकार फ्लोर टेस्ट में नंबर कैसे जुटा पाएगी?

how bjp Maharashtra government prove majority in floor test ajit pawar hide reality from bjp and devendra fadnavis | महाराष्ट्र: फ्लोर टेस्ट में नंबर कैसे जुटाएगी बीजेपी, क्या अजित पवार ने भाजपा को अंधेरे में रखा?

अजीत विधायकों को तोड़ने में कामयाब नहीं हो पाए!

Highlightsएनसीपी पार्टी के 49 विधायक शरद के फैसले के साथ खड़े हो गए। महाराष्ट्र मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है.

महाराष्ट्र की राजनीति में तब भूचाल आ गया जब शनिवार (23 नवंबर) सुबह होते ही लोगों  को पता चला कि महाराष्ट्र में अजित पवार ने देवेंद्र फड़नवीस के साथ मिलकर सरकार बना ली है। पिछले कई दिनों से जारी सियासी रस्साकशी कुछ समय के लिए भले ही समाप्त हो गई। लेकिन, देवेंद्र फड़नवीसअजित पवार के लिए असली परीक्षा इसके बाद शुरू हुई। दरअसल, भले ही एनसीपी पार्टी के कई विधायकों के हस्ताक्षर वाले पत्र के आधार पर अजित पवार बीजेपी व देवेंद्र को आश्वस्त करने में कामयाब हो गए, लेकिन जैसे ही बात शरद पवार के पास पहुंची और उन्होेंने बीजेपी के साथ सरकार बनाने का विरोध किया।

इसके तुरंत बाद एनसीपी पार्टी के 49 विधायक शरद के फैसले के साथ खड़े हो गए। जो 5 विधायक अजित के साथ थे, वह भी अब शरद पवार के साथ हो गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर देवेंद्र फड़नवीस व अजित की सरकार फ्लोर टेस्ट में नंबर कैसे जुटा पाएगी?

इस सवाल का जवाब पता करने पर साफ हो जाता है कि इस मामले में अजित पवार ने ऐसा कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया। अजित का ध्यान इस बात पर रहा है कि कैसे पार्टी के ज्यादातर विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र राज्यपाल को सौंप दिया जाए। भले ही उस पत्र का मकसद खुद हस्ताक्षर करने वाले विधायकों को भी नहीं पता हो। 

आपको बता दें कि 49 विधायकों का शरद पवार के समक्ष पेश होने से साफ हो गया कि वे अजीत पवार के साथ नहीं हैं। यदि उन्हें अजीत के साथ जाना होता तो लौटने की जरूरत नहीं थी। जैसा कि बाकी 4-5 विधायकों ने किया। इससे दो बातें साफ हो गई हैं। 

1 अजित के विद्रोह की खबर शरद पवार को नहीं थी। 
2 अजित विधायकों को तोड़ने में कामयाब नहीं हो पाए।

अब सवाल उठता है कि तो क्या अजित ने भाजपा व देवेंद्र को अंधेरे में रखकर सरकार बना ली? इस सवाल का बेहद आसान सा जवाब यह है कि अजित ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया। यही वजह है कि इस दौरान उनके पास इतना वक्त था कि वे एक बनी बनाई चिट्ठी को राज्यपाल तक पहुंचा पाते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। अजित बीजेपी के साथ जाने के लिए चार-पांच विधायकों को ही तैयार कर पाए।

साफ है कि देवेंद्र फड़नवीस व भाजपा को अजित ने अंधेरे में रखा। यही वजह है कि आगे की सोचे बिना सुबह-सबेरे फड़नवीस ने शपथ ली, लेकिन फ्लोर टेस्ट के बारे में वह नहीं सोच पाए। 

Web Title: how bjp Maharashtra government prove majority in floor test ajit pawar hide reality from bjp and devendra fadnavis

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