कोरोना संक्रमण और मौतों के सरकारी डाटा से कहीं ज्यादा हैं वास्तविक आंकड़े, रिपोर्ट में दावा-कम हो रही है जांच
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 26, 2021 17:45 IST2021-05-26T17:45:11+5:302021-05-26T17:45:11+5:30
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि देश में कोरोना के मामले सरकारी आंकड़ों से बहुत ज्यादा हैं।

फाइल फोटो
देश में कई मौकों पर कोरोना के कुल मामलों और मौतों के आंकड़ों पर सवाल उठते रहे हैं। देश में अब कोरोना के मामलों में धीरे-धीरे कमी आ रही है। सक्रिय मामले करीब 24 लाख और देश में 3.11 लाख इस महामारी के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं। अब न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि देश में कोरोना के मामले सरकारी आंकड़ों से बहुत ज्यादा हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में आंकड़ों का उचित हिसाब नहीं रखा जा रहा है और जांच भी कम हो रही है। जिसके कारण संक्रमण के मामलों और मौतों की वास्तविक संख्या सामने नहीं आ रही है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने कोरोना के सही आंकड़ों तक पहुंचने के लिए करीब एक दर्जन से अधिक विशेषज्ञों की सलाह ली है। साथ ही एंटीबॉडी परीक्षणों के परिणाम के आधार पर संक्रमण के मामलों और मौतों का विश्लेषण किया है। जिसके बाद तीन संभावित अनुमान पेश किए हैं।
ये हैं तीन अनुमान
पहले अनुमान के अनुसार, हर तरह से मामले और मौतें कम करने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या 40.42 करोड़ और मौतों का आंकड़ा 6 लाख होगा। दूसरे अनुमान के मुताबिक, अधिक संभावित स्थिति में देश में 53.9 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और करीब 16 लाख लोगों को जान गंवानी पड़ी। है। वहीं तीसरा और आखिरी अनुमान सबसे भयावह है। इसके मुताबिक देश की 70.07 करोड़ आबादी इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ चुकी है और करीब 42 लाख मौतें हुई हैं।
24 मई के आंकड़ों को आधार बनाया
तीनों ही अनुमानों से यह साफ है कि सरकारी आंकड़ों से संक्रमितों और मौतों की संख्या कहीं ज्यादा है। रिपोर्ट में 24 मई के आंकड़ों को आधार माना गया है। जब सरकारी आंकड़ों के अनुसार कुल संक्रमितों की संख्या 2.69 करोड़ और मौतों की संख्या 3.7 लाख बताई गई थी।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट ने भी माना अंतर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें साफ तौर पर कहा गया था कि कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा सामने आए आंकड़ों से दो से तीन गुना ज्यादा है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट को भी आधार माना है।
इसलिए उठ रहे हैं सवाल
गौरतलब है कि भारत में कोरोना से हुई मौतें अस्पताल के साथ ही घरों में भी हुई है। साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी जहां स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है, वहां के आंकड़ें जुटाना बेहद मुश्किल काम है। ऐसे में कोरोना संक्रमण और मौतों के वास्तविक आंकड़े को सामने लाना बेहद मुश्किल काम है।