तेल व गैस पर चर्चा, जयशंकर, गोयल, प्रधान और नीति आयोग प्रमुख अमिताभ कान्त से मिले अमित शाह 

By भाषा | Published: June 4, 2019 08:45 PM2019-06-04T20:45:58+5:302019-06-04T20:45:58+5:30

सूत्रों ने कहा कि सरकार इस तरह की गलतियों को दोहराना नहीं चाहती और वह किसी निवेश को मंजूरी से पहले गहन छानबीन करना चाहती है। पूर्व में इस तरह के फैसले की समीक्षा तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाला मंत्री समूह करता रहा है। खराब स्वास्थ्य की वजह से जेटली इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हैं। अब यह काम शाह ने अपने हाथ में लिया है।

Home Minister Amit Shah was holding a meeting with External Affairs Minister S Jaishankar, Railway Minister Piyush Goyal, Finance Minister Nirmala Sitharaman and Petroleum Minister Dharmendra Pradhan. | तेल व गैस पर चर्चा, जयशंकर, गोयल, प्रधान और नीति आयोग प्रमुख अमिताभ कान्त से मिले अमित शाह 

इस निवेश प्रस्ताव की समीक्षा इस मामले को औपचारिक मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) को भेजे जाने से पहले की गई।

Highlightsअमित शाह, अन्य मंत्रियों ने बीपीसीएल की मोजाम्बिक की निवेश योजना की समीक्षा कीपहले चरण में मोजाम्बिक परियोजना के भागीदार 22 से 24 अरब डॉलर का निवेश करेंगे।

गृह मंत्री अमित शाह और अन्य मंत्रियों के एक अनौपचारिक समूह ने मंगलवार को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) की मोजाम्बिक के विशाल गैस क्षेत्र में 2.2 से 2.4 अरब डॉलर के निवेश प्रस्ताव की समीक्षा की।


पूर्व में हुई दिक्कतों के मद्देनजर सरकार विदेशों में निवेश के प्रस्तावों की अधिक गहराई से समीक्षा करना चाहती है। सूत्रों ने बताया कि इस अनौपचारिक समूह में विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कान्त भी शामिल थे।

इस निवेश प्रस्ताव की समीक्षा इस मामले को औपचारिक मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) को भेजे जाने से पहले की गई। प्रधान सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में मोजाम्बिक में रोवूमा आफशोर क्षेत्र-एक में किए गए छह अरब डॉलर के निवेश की आलोचना करते रहे हैं।

तेल एवं गैस कीमतों में गिरावट की वजह से इतना भारी निवेश फायदेमंद नहीं रहा। इसके अलावा उन्होंने ओएनजीसी विदेश द्वारा रूप की इम्पीरियल एनर्जी की खरीद की भी आलोचना करते रहे हैं। इस क्षेत्र में भी कच्चे तेल का उत्पादन 2008 में 2.58 अरब डॉलर में किए गए अधिग्रहण के समय लगाए गए अनुमान से कम रहा है।

सूत्रों ने कहा कि सरकार इस तरह की गलतियों को दोहराना नहीं चाहती और वह किसी निवेश को मंजूरी से पहले गहन छानबीन करना चाहती है। पूर्व में इस तरह के फैसले की समीक्षा तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाला मंत्री समूह करता रहा है। खराब स्वास्थ्य की वजह से जेटली इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हैं। अब यह काम शाह ने अपने हाथ में लिया है।

बहुत से लोगों का मानना है कि शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सरकार में नंबर दो पर हैं। इस क्षेत्र में करीब 75,000 अरब घन मीटर गैस खोजी गई है। इसे चरणों में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) में बदला जाएगा और जहाजों के जरिये विदेशी उपभोक्ताओं को भेजा जाएगा।

पहले चरण में मोजाम्बिक परियोजना के भागीदार 22 से 24 अरब डॉलर का निवेश करेंगे। बीपीसीएल के पास इस परियोजना में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है और उसका निवेश करीब 2.4 अरब डॉलर बैठता है। सूत्रों ने बताया कि इस निवेश के लिए सीसीईए की मंजूरी की जरूरत होगी।

उससे पहले अनौपचारिक समूह ने इसकी समीक्षा की है। बीपीसीएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक डी राजकुमार भी बैठक में शामिल हुए। कंपनी के निदेशक मंडल की सोमवार को आपात बैठक हुई थी जिसमें संभवत: इस निवेश योजना को मंजूरी पर चर्चा हुई थी।

राजकुमार को किए गए कई फोन कॉल्स का जवाब नहीं मिला। वहीं पेट्रोलियम मंत्रालय ने बैठक में हुई चर्चा पर चुप्पी साधी हुई है। 

Web Title: Home Minister Amit Shah was holding a meeting with External Affairs Minister S Jaishankar, Railway Minister Piyush Goyal, Finance Minister Nirmala Sitharaman and Petroleum Minister Dharmendra Pradhan.

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