नई दिल्ली: सीएए—एनआरसी और एनपीआर का विरोध करने वाले एलायंस अगेंस्ट सीएए—एनआरसी—एनपीआर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से संसद में दिए गए बयान, जिसमें उन्होंने कहा है कि किसी भी नागरिक के नाम के आगे एनपीआर में डी या संदिग्ध नहीं लिखा जाएगा, का स्वागत करते हुए कहा है कि सरकार को अब नागरिकता कानून में संशोधन कर केंद्रीय गृह मंत्री के बयान को वैधानिकता देना चाहिए। इसके साथ ही इस संगठन ने इससे संबंधित कई नियमों में बदलाव की भी मांग की है।
योंगेंद्र यादव और अन्य कुछ नेताओं की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सरकार यह स्पष्ट रूप से जनता को बताए कि एनपीआर के लिए जानकारी देना पूर्णता वैकल्पिक है। इसके लिए किसी कागज की मांग नहीं की जाएगी। इसके अलावा इससे नागरिकों की पहचान का कार्य नहीं किया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री की ओर से संसद में दिए गए बयान, जिसमें उन्होंने किसी भी नागरिक के नाम के आगे डी नहीं लिखने की बात की थी, का स्वागत करते हुए इस बयान में कहा गया है कि सरकार को चाहिए कि वह इसके लिए कानूनी नियम भी बनाए। बयान में जनगणना से एनपीआर को अलग करने की भी मांग की गई है।