Hindi Diwas 2025: भारत ही नहीं, इन देशों में भी हिंदी का बोलबाला, वजह जान हैरान रह जाएंगे आप

By अंजली चौहान | Updated: September 14, 2025 07:45 IST2025-09-14T07:43:03+5:302025-09-14T07:45:16+5:30

Hindi Diwas 2025: भारत के अलावा, दुनिया के कई देशों में हिंदी बोली जाती है, और इसके पीछे कई ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कारण हैं

Hindi Diwas 2025 Apart from India Hindi language is also spoken in these countries you will be surprised to know reason | Hindi Diwas 2025: भारत ही नहीं, इन देशों में भी हिंदी का बोलबाला, वजह जान हैरान रह जाएंगे आप

Hindi Diwas 2025: भारत ही नहीं, इन देशों में भी हिंदी का बोलबाला, वजह जान हैरान रह जाएंगे आप

Hindi Diwas 2025: हर साल 14 सितंबर के दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व को उजागर करने और देश भर में इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इसी दिन 14 सितंबर, 1949 को भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को भारत संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद, 1953 से हर साल हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत हुई। 

हिंदी दिवस का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रति सम्मान और गर्व की भावना को बढ़ावा देना है। यह दिन लोगों को याद दिलाता है कि हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और राष्ट्रीय पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

मगर क्या आपको पता है कि हिंदी सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के और देशों में बोली जाती है? और तो और इन देशों में हिंदी पर लोगों को गर्व है यह उस देश का गौरव है। जी हां, बिल्कुल सही पढ़ा आपने भारत के अलावा, दुनिया के कई देशों में हिंदी बोली जाती है। इसके पीछे मुख्य रूप से ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्रवासी भारतीयों का प्रभाव है। 

कुछ प्रमुख देश जहाँ हिंदी बोली जाती है 

1- नेपाल: नेपाल और भारत के बीच गहरे सांस्कृतिक और भाषाई संबंध हैं। नेपाल की सीमा भारत के कई हिंदी भाषी राज्यों से लगती है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक समानताएं भी हैं। भारतीय फिल्मों, टीवी शो और संगीत का नेपाल में बहुत प्रभाव है, जिससे हिंदी भाषा का चलन बढ़ता है।

2- मॉरीशस: मॉरीशस की लगभग एक तिहाई आबादी भारतीय मूल की है, जिनके पूर्वज 19वीं सदी में वहां ब्रिटिश शासन के तहत मजदूर के रूप में गए थे। उन्होंने अपनी सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ अपनी भाषा को भी जीवित रखा। हालांकि मॉरीशस की आधिकारिक भाषाएं अंग्रेजी और फ्रेंच हैं, लेकिन हिंदी यहां के भारतीय समुदाय के बीच व्यापक रूप से बोली और समझी जाती है।

3- फिजी: फिजी में भी भारतीय मूल के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। इनके पूर्वज भी ब्रिटिश शासन के दौरान वहां गए थे। फिजी में बोली जाने वाली हिंदी को "फिजी हिंदी" कहा जाता है, जो अवधी और भोजपुरी का मिश्रण है। यहां हिंदी को आधिकारिक भाषाओं में से एक का दर्जा प्राप्त है।

4- सिंगापुर: सिंगापुर में एक बड़ा भारतीय समुदाय है, जिसमें से कई लोग हिंदी भाषी हैं। यहां हिंदी स्कूलों और सांस्कृतिक गतिविधियों में पढ़ाई जाती है। पर्यटन और व्यावसायिक संबंधों के कारण भी हिंदी का उपयोग होता है।

5- सूरीनाम: सूरीनाम में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों को "इंडो-सूरीनामी" कहा जाता है। उनके पूर्वज 19वीं सदी में ब्रिटिश भारत से आए थे। यहां बोली जाने वाली हिंदी को "सरनामी हिंदी" कहा जाता है, जो भोजपुरी पर आधारित है।

6- त्रिनिदाद और टोबैगो: कैरेबियाई द्वीपों में बसे त्रिनिदाद और टोबैगो में भी भारतीय मूल के लोग हैं, जो हिंदी का उपयोग धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में करते हैं। हालांकि यहां हिंदी का दैनिक उपयोग कम हो गया है, लेकिन सांस्कृतिक विरासत के रूप में यह आज भी जीवित है।

7- संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया: इन देशों में हिंदी मुख्य रूप से भारतीय प्रवासियों और उनके वंशजों के बीच बोली जाती है। व्यावसायिक अवसरों, उच्च शिक्षा और बेहतर जीवन की तलाश में गए भारतीयों ने इन देशों में अपनी भाषा और संस्कृति को बनाए रखा है। यहां के कई शहरों में भारतीय समुदाय के केंद्र हैं, जहां हिंदी भाषी लोग आपस में संवाद करते हैं और अपनी संस्कृति से जुड़े रहते हैं।

8- पाकिस्तान: कभी भारत का हिस्सा होने के कारण यहां हिंदी बोलने और समझने वाले बहुत हैं, हालांकि उर्दू यहां की मुख्य भाषा है। 

9- बांग्लादेश: भारत का यह पूर्व हिस्सा होने के नाते, यहां भी हिंदीभाषी आबादी है और बंगाली भाषा हिंदी से काफी मिलती-जुलती है। 

10- श्रीलंका: श्रीलंका के बॉर्डर के पास के इलाकों में हिंदी समझने वाले लोग पाए जाते हैं, हालाँकि यहां तमिल भी प्रमुख भाषा है। 

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