बेंगलुरु: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कांग्रेस के कर्नाटक चुनाव घोषणापत्र में बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाने के वादे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "पीएफआई पर पहले से ही प्रतिबंध है। सिद्धारमैया सरकार ने पीएफआई के मामले वापस लिए इसलिए वे कह रहे हैं कि मुसलमानों को खुश करने के लिए वे बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा देंगे।"
उन्होंने कहा, "पीएफआई पर पहले से ही प्रतिबंध है। सिद्धारमैया सरकार ने पीएफआई के मामले वापस लिए इसलिए वे कह रहे हैं कि मुसलमानों को खुश करने के लिए वे बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा देंगे। कांग्रेस कह रही है कि पीएफआई यह नहीं कह सकता कि हम बदला लेंगे। कांग्रेस का घोषणापत्र पीएफआई और कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों के घोषणापत्र जैसा दिखता है।"
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे कहा, "कांग्रेस द्वारा आज जारी किया गया घोषणापत्र दर्शाता है कि यह पूर्ण रूप से मुस्लिम कट्टरपंथियों का घोषणापत्र है। अगर जिन्ना जिंदा होते तो भी ऐसा घोषणापत्र नहीं बनाते। कांग्रेस एक मुस्लिम कट्टरपंथी पार्टी बन गई है। हमारे गृहमंत्री ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया था और अब कांग्रेस कह रही है कि वे बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाएंगे।"
पिछले साल सितंबर में केंद्र ने पीएफआई को पांच साल के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया था। पीएफआई संग जिन संगठनों को प्रतिबंधित किया गया उनमें रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, रिहैब फांउडेशन केरल नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन शामिल हैं।