वायरस के नए स्वरूप का पता लगाने में आईएनएसएसीओजी संघ की मदद करेगी उच्च स्तरीय समिति
By भाषा | Updated: December 30, 2020 22:43 IST2020-12-30T22:43:17+5:302020-12-30T22:43:17+5:30

वायरस के नए स्वरूप का पता लगाने में आईएनएसएसीओजी संघ की मदद करेगी उच्च स्तरीय समिति
नयी दिल्ली, 30 दिसंबर जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप ने बुधवार को बताया कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप की स्थिति सुनिश्चित करने के लिये गठित ‘‘इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक कंसोर्टिया’’ (आईएनएसएसीओजी) का निर्देशन एक उच्च स्तरीय अंतर मंत्रालयी संचालन समिति करेगी।
उन्होंने कहा कि समिति को तकनीकी निर्देशन देने के लिये एक वैज्ञानिक परामर्श समूह होगा।
ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्वरूप की पहचान होने के बाद सरकार ने 10 प्रयोगशालाओं वाले आईएनएसएसीओजी की शुरुआत की थी।
भारत में वायरस के नए स्वरूप के अब तक 20 मामले सामने आ चुके हैं जिसके बाद सरकार ने जीनोम निगरानी बढ़ाने की दिशा में तेजी दिखाई है।
आईएनएसएसीओजी का उद्देश्य कुल मिलाकर कई प्रयोगशालाओं के नेटवर्क के साथ नियमित आधार पर वायरस के आनुवंशिक बदलावों की निगरानी करना है। जैवप्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने कहा कि यह प्रमुख शोध संघ भविष्य में संभावित टीका विकसित करने में मदद करेगा।
डीबीटी के एक बयान में कहा गया, “डीबीटी की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने बताया कि आईएनएसएसीओजी की एक उच्च स्तरीय अंतर मंत्रालयी संचालन समिति होगी जो विशेष रूप से नीतिगत मामलों में संघ को निर्देशन देने के साथ उस पर नजर रखेगी और वैज्ञानिक व तकनीकी निर्देशन के लिये इसका एक वैज्ञानिक परामर्श समूह भी होगा।
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