उच्च न्यायालय में बॉलीवुड निर्माताओं की याचिका पर सोमवार को सुनवाई

By भाषा | Published: November 8, 2020 06:14 PM2020-11-08T18:14:07+5:302020-11-08T18:14:07+5:30

Hearing on the petition of Bollywood producers in the High Court on Monday | उच्च न्यायालय में बॉलीवुड निर्माताओं की याचिका पर सोमवार को सुनवाई

उच्च न्यायालय में बॉलीवुड निर्माताओं की याचिका पर सोमवार को सुनवाई

नयी दिल्ली, आठ नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय बॉलीवुड के प्रमुख निर्माताओं की ओर दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा, जिसमें रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ को कथित तौर पर ‘‘गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक टिप्पणियां’’ करने या प्रकाशित करने से रोकने का अनुरोध किया गया है। साथ ही विभिन्न मुद्दों पर फिल्म जगत के सदस्यों का ‘मीडिया ट्रायल’ रोकने का भी आग्रह किया है।

यह मुकदमा बॉलीवुड के चार एसोसिएशनों और 34 प्रमुख निर्माताओं ने 12 अक्टूबर को दायर किया था। इस पर न्यायमूर्ति राजीव शकधर सुनवाई करेंगे।

इसमें रिपब्लिक टीवी, उसके प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी और पत्रकार प्रदीप भंडारी, टाइम्स नाउ, उसके प्रधान संपादक राहुल शिवशंकर और समूह संपादक नविका कुमार और अज्ञात प्रतिवादियों के साथ-साथ सोशल मीडिया मंचों को बॉलीवुड के खिलाफ कथित तौर पर गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक टिप्पणियां करने या प्रकाशित करने से रोकने संबंधी निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

डीएसके कानूनी फर्म के जरिये दायर वाद में कहा गया है, ‘‘ये चैनल बॉलीवुड के लिए अत्यधिक अपमानजनक शब्दों और उक्ति जैसे ‘गंदा’ और ‘ड्रगी’ आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये चैनल ‘यह बॉलीवुड है जहां गंदगी को साफ करने की जरूरत है’, ‘अरब के सभी इत्र बॉलीवुड की बदबू को दूर नहीं कर सकते हैं’, ‘यह देश का सबसे गंदा उद्योग है’ आदि उक्तियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।’’

निर्माताओं का कहना है कि वे चाहते हैं कि प्रतिवादी (मीडियाकर्मी) केबल टेलीविजन नेटवर्क नियमों के तहत कार्यक्रम संहिता के प्रावधानों का पालन करें और फिल्म उद्योग के खिलाफ उनके द्वारा प्रकाशित सभी अपमानसूचक सामग्री को वापस लिया जाये।

उन्होंने दावा किया कि फिल्म उद्योग विभिन्न अन्य उद्योगों के लिए रोजगार का एक बड़ा स्रोत है जो काफी हद तक इस पर निर्भर है।

उन्होंने कहा, ‘‘बॉलीवुड अद्वितीय है और किसी भी अन्य उद्योग से अलग पायदान पर खड़ा है क्योंकि यह एक ऐसा उद्योग है जो पूरी तरह से सद्भावना, प्रशंसा और अपने दर्शकों की स्वीकृति पर निर्भर है।’’

याचिका में दावा किया गया है कि बॉलीवुड के सदस्यों की निजता का हनन किया जा रहा है और पूरे उद्योग को अपराधियों, मादक पदार्थों का सेवन करने वाला बता कर उनकी प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंचाई जा रही है।

याचिका में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत का भी जिक्र है और कहा गया है कि प्रतिवादी समानांतर निजी जांच कर रहे हैं और उसे प्रकाशित कर रहे हैं एवं बॉलीवुड से जुड़े व्यक्तियों की दोषी के तौर पर निंदा करने के लिए प्रभावी तरीके से 'अदालतों' के तौर पर काम रहे हैं। ऐसा वे उस आधार पर कर रहे हैं जिसे वे 'सबूतों होने का दावा करते हैं। इस प्रकार वे आपराधिक न्याय प्रणाली का मखौल उड़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

जिन्होंने वाद दायर किया है उनमें फिल्म एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (पीजीआई), सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (सीआईएनटीएए), इंडियन फिल्म एंड टीवी प्रोड्यूसर्स काउंसिल (आईएफटीपीसी), स्क्रीनराइटर एसोसिएशन (एसडब्ल्यूए), आमिर खान प्रोडक्शंस, एड-लैब्स फिल्म्स, अनिल कपूर फिल्म और कम्युनिकेशन नेटवर्क, अरबाज खान प्रोडक्शंस, आशुतोष गोवारिकर प्रोडक्शंस, बीएसके नेटवर्क और एंटरटेनमेंट, धर्मा प्रोडक्शंस, रॉय कपूर फिल्म्स, सलमान खान फिल्म्स, सोहेल खान प्रोडक्शंस, टाइगर बेबी डिजिटल, विनोद चोपड़ा फिल्म्स, विशाल भारद्वाज पिक्चर्स , यशराज फिल्म्स, रेड चिलीज एंटरटेंमेंट आदि शामिल हैं।

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Web Title: Hearing on the petition of Bollywood producers in the High Court on Monday

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