प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती पर सुनवाई आज, जानें केजी बोपैया का ट्रैक रिकॉर्ड
By आदित्य द्विवेदी | Published: May 19, 2018 12:06 AM2018-05-19T00:06:22+5:302018-05-19T05:26:00+5:30
कांग्रेस-जेडी(एस) ने अस्थाई विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
नई दिल्ली, 18 मईः कर्नाटक में शनिवार को विधानसभा का एकदिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है जिसमें महत्वपूर्ण शक्ति परीक्षण होगा। राज्यपाल वजुभाई वाला ने इससे पहले केजी बोपैया को विधानसभा का अस्थाई अध्यक्ष नियुक्त किया। वजुभाई वाला के फैसले को कांग्रेस और जनता दल(सेकुलर) गठबंधन ने शुक्रवार रात सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जिस पर सुनवाई करने के बारे में शीर्ष अदालत ने सुबह 10.30 बजे का समय तय किया है। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में 15 मई को रिजल्ट आने पर 222 विधानसभा सीट वाले कर्नाटक में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस व उसके सहयोगी दल बीएसपी को 38 सीटें मिली थीं। बहुमत के लिए जरूरी 112 सीटें हैं।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने आज देर रात इस मामले को न्यायमूर्ति ए के सिकरी की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया, जो इस (कर्नाटक) मामले में सुनवाई कर रही है। पीठ सुबह साढे दस बजे इस मामले में सुनवाई करेगी जबकि शाम चार बजे कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण होना है। इस पीठ में न्यायमूर्ति एस के बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी शामिल हैं।
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सूत्रों के अनुसार गठबंधन की तरफ से अधिवक्ता देवदत्त कामत द्वारा दायर याचिका शाम को शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार के समक्ष दायर की गई, लेकिन याचिका में कुछ खामियां बतायी गयीं जिसे बाद में ठीक कर लिया गया। नई याचिका देर रात में रजिस्ट्री में दायर की गई और शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार इस पर विचार संबंधी निर्देश के लिए इसे लेकर प्रधान न्यायाधीश के आवास पर पहुंचे।
आवेदन में बीजेपी विधायक बोपैया को प्रो-टेम स्पीकर नियुक्त करने के फैसले को निरस्त करने की मांग करते हुए कहा है कि यह परंपरा के विपरीत है क्योंकि परंपरा के अनुसार इस पद पर आम तौर पर सबसे वरिष्ठ सदस्य को नियुक्त किया जाता है। आवेदन में कहा गया है कि राज्यपाल द्वारा एक कनिष्ठ विधायक को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त करना असंवैधानिक कदम है। आवदेन में यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल निर्देश की मांग की गई कि शक्ति परीक्षण स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से हो।
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केजी बोपैया को आठ साल पहले भी विवाद की वजह से चर्चा में आ चुके हैं जब उन्हें प्रो-टेम स्पीकर नियुक्त किया गया था। उस वक्त बोपैया ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के विश्वास मत हासिल करने में पक्षपात किया था। बोपैय्या ने 11 बागी बीजेपी विधायकों और पांच निर्दलीय विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी। इससे बीएस येदियुरप्पा को फायदा पहुंचा था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने ना सिर्फ यह निर्णय बदला बल्कि उनके फैसले की आलोचना भी की थी।
बोपैया बीजेपी की स्टुडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति में आए हैं। वह सबसे पहले 2004 में मदीकेरी सीट से विधायक चुने गए इसके बाद 2008 में विराजपेट सीट से विधानसभा पहुंचे। बोपैया तीसरी बार विधायक चुने गए हैं।
PTI-Bhasha Inputs
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