एचडी कुमारस्वामी ने कहा, "कांग्रेस सरकार ने आईएएस अधिकारियों को द्वारपाल बनाकर अहंकार का प्रदर्शन किया है"
By अनुभा जैन | Published: July 19, 2023 02:47 PM2023-07-19T14:47:01+5:302023-07-19T14:55:45+5:30
पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि महागठबंधन की बैठक में आईएएस अधिकारियों को राजनेताओं की सेवा के तैनात करना बेहद शर्मनाक है।
बेंगलुरु: जेडीएस और भाजपा ने सिद्धारमैया सरकार द्वारा बीते 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में आयोजित दो दिवसीय महागठबंधन की बैठक के लिए दो दर्जन से अधिक आईएएस अधिकारियों को तैनाती करने और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने के लिए बेहद कड़ी आलोचना की है।
वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि बैठक में हिस्सा लेने वाले गणमान्य व्यक्तियों के साथ राज्य अतिथि के रूप में व्यवहार किया गया था और प्रोटोकॉल के अनुसार अधिकारियों को उनके स्वागत के लिए नियुक्त किया गया था।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के अलावा डिप्टी सीएम डीके शिव कुमार ने इन आरोपों पर कहा कि पूर्व में सभी सरकारों के तहत जो व्यवस्था और प्रोटोकॉल का अनुपालन किया जाता था, हमने भी उसी व्यवस्था का पालन किया है।
जानकारी के अनुसार कर्नाटक भाजपा ने दो सूचियां जारी की हैं, जिसमें 29 आईएएस अधिकारियों के नाम शामिल हैं। जिनके बारे में पार्टी का कहना है कि उन अधिकारियों को महागठबंधन के दो दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होने वाले विपक्षी नेताओं के स्वागत के लिए लगाया गया था।
इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के विकास में आईएएस अधिकारियों की बड़ी अहम भूमिका है। चूंकि यह कार्यक्रम न तो कोई सरकारी कार्यक्रम था और न ही नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह था। ऐसे में आईएएस अधिकारियों को राजनेताओं की सेवा के तैनात करना कांग्रेस सरकार के अहंकार की पराकाष्ठा को दर्शाता है। यह 6.5 करोड़ कन्नडिगाओं के साथ किया गया घोर अन्याय है।
कुमारस्वामी ने आईएएस एसोसिएशन को ट्विटर पर टैग करते हुए कांग्रेस की आलोचना की। कुमारस्वामी ने कहा, "यह नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। पिछले 40 वर्षों में नौकरशाही तंत्र का इतना दुरुपयोग नहीं देखा गया है। मैं इस बात से हैरान हूं कि अधिकारी इस कार्य के लिए सहमत हो गए।’’
उन्होंने आगे कहा कि जब उन्हें खुद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कोलकाता में आमंत्रित किया था तो उनके स्वागत के लिए किसी भी नौकरशाह को इस तरह तैनात नहीं किया गया था। यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि अटकलों के बीच जद (एस) को मंगलवार को दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए भाजपा से कोई निमंत्रण नहीं मिला। अब ऐसा लग रहा है कि भाजपा कर्नाटक में अकेले ही 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ सकती है।