पुणेः महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक निजी स्कूल में छात्राओं के शौचालय में सीसीटीवी लगवाने के अभिभावकों के आरोप के बाद दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रधानाचार्य पर कथित रूप से किए गए हमले की कांग्रेस नेता शशि थरूर ने निंदा की है। डीवाई पाटिल हाई स्कूल के वायरल इस वीडियो में प्रधानाचार्य अलेक्जेंडर कोट्स रीड अपनी फटी शर्ट और बनियान में दौड़ते नजर आए।
बताया गया कि वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्कूल परिसर में उनके साथ मारपीट की। वीडियो में दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ता 'हर-हर महादेव' के नारे लगा रहे थे। वीडियो शेयर करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह घटना अपमानजनक है और कोई भी सभ्य हिंदू इस तरह का व्यवहार नहीं करता है। शशि थरूर ने ट्वीट किया, "यह अपमानजनक है। बजरंग दल को इतना बेखौफ होकर हिंसक कार्रवाई करने का अधिकार किसने दिया है? और उन्हें हिंदू धर्म की रक्षा करने का दावा करने की हिम्मत कैसे हुई? कोई भी सभ्य हिंदू इस तरह का व्यवहार नहीं करता है।
पुणे के डीवाई पाटिल हाई स्कूल में क्या हुआ?
घटना तालेगांव दाभाडे में स्थित एक निजी स्कूल की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावरों के साथ कई छात्रों के माता-पिता भी थे जिन्होंने आरोप लगाया कि लड़कियों के शौचालय में सीसीटीवी कैमरे और स्कूल में ईसाई प्रार्थना करवाई जाती है। एक अभिभावक ने एफआईआर भी दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि स्कूल प्रशासन ने छात्राओं के लिए वॉशरूम में सीसीटीवी कैमरा लगाया, बाइबिल से प्रार्थना कराई और हिंदू त्योहारों पर छुट्टियां नहीं दीं। पुलिस के मुताबिक, आरोपों के बाद एक दक्षिणपंथी संगठन के सदस्यों ने स्कूल के प्रधानाचार्य की कथित रूप से पिटाई की, जो एक ईसाई है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, तालेगांव एमआईडीसी पुलिस इंस्पेक्टर रंजीत सावंत ने कहा, "हम माता-पिता द्वारा लगाए गए आरोपों पर गौर कर रहे हैं और जांच चल रही है।" एक अभिभावक ने दावा किया कि अगर किसी अभिभावक ने ये मुद्दे उठाए तो प्रिंसिपल और अन्य शिक्षकों ने छात्र को परेशान किया। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एसआर वालुंज ने कहा कि जब उन्होंने स्कूल का दौरा किया तो उन्हें कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं मिला। लेकिन स्कूल स्टाफ ने स्वीकार किया कि एक सीसीटीवी कैमरा था और उसे हटा दिया गया। प्रबंधन ने कहा कि उन्हें सीसीटीवी कैमरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है।