हरियाणा: बिना मंजूरी के सिरसा पुलिस लाइन में मंदिर निर्माण का आरोप, 13 साल बाद जांच का आदेश
By विशाल कुमार | Updated: January 29, 2022 12:20 IST2022-01-29T12:16:34+5:302022-01-29T12:20:17+5:30
रिकॉर्ड्स के अनुसार, एक पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी वाई. पुरन कुमार ने 1 जनवरी, 2021 को सिरसा के पुलिस अधीक्षक द्वारा उनके पास जमा की गई एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए डीजीपी के पास शिकायत दर्ज कराई थी।

हरियाणा: बिना मंजूरी के सिरसा पुलिस लाइन में मंदिर निर्माण का आरोप, 13 साल बाद जांच का आदेश
चंडीगढ़:हरियाणा सरकार के दबाव के बाद राज्य पुलिस ने सिरसा के पुलिस लाइन में 13 साल पहले बिना आवश्यक मंजूरी के बने एक मंदिर की जांच को लेकर आदेश दे दिए हैं। हरियाणा पुलिस ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्रीकांत जाधव से इस मामले की जांच करने के लिए कहा है।
रिकॉर्ड्स के अनुसार, एक पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी वाई. पुरन कुमार ने 1 जनवरी, 2021 को सिरसा के पुलिस अधीक्षक द्वारा उनके पास जमा की गई एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए डीजीपी के पास शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत में कुमार ने कहा था कि सिरसा के एसपी विकास कुमार अरोड़ा के कार्यकाल में राधा कृष्ण मंदिर का निर्माण पुलिस लाइन सिरसा परिसर में हुआ था।
एसपी सिरसा की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, यह साफ है कि पुलिस परिसर में इसे बनाने के लिए प्रांतीय सरकार की कोई अनुमति/अनुमोदन नहीं लिया गया है, जो कि पीपीआर (पंजाब पुलिस नियम) के अनुसार अनिवार्य है।
अपनी शिकायत में कुमार ने अरोड़ा या जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। पत्र में कुमार ने यह भी याद दिलाया कि जब वह अंबाला पुलिस रेंज में आईजीपी के रूप में तैनात थे, तब पूजा स्थल के संदर्भ में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कैसे शुरू की गई थी।
वर्तमान में फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त अरोड़ा ने 11 जनवरी को डीजीपी के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में कहा गया है कि मेरे कार्यकाल के दौरान मंदिर का निर्माण 2009 में हुआ था और उसका उद्घाटन 27 अप्रैल, 2009 को हुआ था। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, मैंने सिरसा के एसपी के रूप में 8 दिसंबर, 2006 को कार्यभार संभाला था और 13 जून, 2008 को छोड़ दिया था।