हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावः भाजपा मुख्यालय पर सन्नाटा, न कोई मिठाई, न फूल, न झंडे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 25, 2019 18:06 IST2019-10-25T18:06:44+5:302019-10-25T18:06:44+5:30
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने महाराष्ट्र में पार्टी के प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा, “कांग्रेस एक थकी हुई पार्टी है जबकि भाजपा ऊर्जावान पार्टी है। इस ऊर्जा से लोकतंत्र की उत्पत्ति होती है जिसकी जरूरत लोगों को है।”

हम हरियाणा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सरकार बनाने में कामयाब है।
हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों के गुरुवार को आए नतीजे अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहने के कारण भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय से रौनक गायब दिखी।
पार्टी प्रवक्ताओं द्वारा महाराष्ट्र में स्पष्ट बहुमत मिलने के आसार के बाद हरियाणा में भी सरकार गठन का भरोसा जताये जाने के बावजूद यहां ज्यादा धूमधाम नहीं दिखी। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने महाराष्ट्र में पार्टी के प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा, “कांग्रेस एक थकी हुई पार्टी है जबकि भाजपा ऊर्जावान पार्टी है। इस ऊर्जा से लोकतंत्र की उत्पत्ति होती है जिसकी जरूरत लोगों को है।”
एक अन्य प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हा ने हरियाणा में कांग्रेस से मिली कड़ी टक्कर के सवाल पर संवाददाताओं से कहा कि आजकल कांग्रेस को अपनी हार में भी जीत नजर आती है। वह इसे हार की बजाय नैतिक जीत कहती है। हरियाणा में कांग्रेस पारंपरिक रूप से मजबूत रही है और 2014 से पहले तक हमारा मत प्रतिशत 2 प्रतिशत भी नहीं था।
हमने 2014 में ही बड़ी जीत हासिल की थी। कांग्रेस के इस कटाक्ष की हरियाणा के लोगों ने एमएल खट्टर और भाजपा दोनों को खारिज कर दिया है उन्होंने कहा कि कांग्रेस जल्दबाजी में है। हम हरियाणा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सरकार बनाने में कामयाब है।
यदि हम बहुमत का आंकड़ा छूने में कामयाब नहीं होते हैं तो अपने छोटे सहयोगियों से गठबंधन करेंगे।” भाजपा ने हरियाणा में अबकी बार 75 के पार का चुनावी नारा दिया था। हनुमान कौशिक (40) सुबह ही भिवानी से आए थे। पार्टी मुख्यालय में खामोशी के कारण उन्हें निराशा हाथ लगी।
उन्होंने कहा, “न कोई मिठाई, न फूल, न झंडे। हरियाणा में अपेक्षा के अनुरूप परिणाम न आने पर कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं।” जनसंघ के दिनों से भाजपा के कार्यकर्ता रहे किशन लाल भंडुला ने कहा कि कांग्रेस के विपरीत हम जमीन पर अधिक काम करने में असफल रहे।