राहुल की कार-बाइक तुलना पर भाजपा ने कहा, हार्ले-डेविडसन, टोयोटा के इंजीनियर छाती पीट रहे होंगे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 3, 2025 22:45 IST2025-10-03T22:45:14+5:302025-10-03T22:45:14+5:30
राहुल गांधी की टिप्पणी को "बकवास" बताते हुए सत्तारूढ़ पार्टी ने यह भी कहा कि अगर किसी को अभी भी उनके ज्ञान के बारे में संदेह है, तो कार्यक्रम में उन्होंने जो कहा उसे सुनने के बाद वह संदेह मिट जाएगा।

राहुल की कार-बाइक तुलना पर भाजपा ने कहा, हार्ले-डेविडसन, टोयोटा के इंजीनियर छाती पीट रहे होंगे
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर सत्ता के विकेंद्रीकरण को समझाने के लिए कोलंबिया के एक विश्वविद्यालय में बाइक और कार इंजन की तुलना करने को लेकर शुक्रवार को निशाना साधा और कहा कि हार्ले-डेविडसन से लेकर टोयोटा तक के इंजीनियर उनके "अद्भुत इंजीनियरिंग ज्ञान" को सुनकर "अपनी छाती पीट रहे होंगे।" राहुल गांधी की टिप्पणी को "बकवास" बताते हुए सत्तारूढ़ पार्टी ने यह भी कहा कि अगर किसी को अभी भी उनके ज्ञान के बारे में संदेह है, तो कार्यक्रम में उन्होंने जो कहा उसे सुनने के बाद वह संदेह मिट जाएगा।
बुधवार को कोलंबिया के मेडेलिन शहर में ईआईए विश्वविद्यालय में एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए गांधी ने वहां उपस्थित लोगों के सामने एक ‘‘दिलचस्प सवाल’’ रखा: "एक मोटरसाइकिल का वजन 100 किलो और एक कार का वजन 3,000 किलो क्यों होता है? उन्होंने पूछा, "यदि कार में एक यात्री सवार है तो एक यात्री को ले जाने के लिए कार में 3,000 किलो धातु की आवश्यकता होती है। और एक मोटरसाइकिल में 100 किलो धातु होती है, जो दो यात्रियों को ले जा सकती है। तो फिर एक मोटरसाइकिल 150 किलो धातु के साथ दो यात्रियों को ले जाने में सक्षम क्यों है, जबकि एक कार को 3,000 की आवश्यकता होती है?"
संगोष्ठी में उपस्थित इंजीनियरिंग छात्रों से इस प्रश्न का उत्तर देने का आग्रह करते हुए कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया कि उनका प्रश्न इलेक्ट्रिक (परंपरागत ईंधन से चलने वाले वाहनों से इलेक्ट्रिक वाहनों) की ओर बदलाव के केंद्र में है। दर्शकों में से किसी ने सवाल का जवाब देने की कोशिश की, लेकिन राहुल गांधी ने कहा, "नहीं। मेरा सवाल यह है कि कार में ऐसा क्या है कि उसे 3,000 किलो धातु की ज़रूरत पड़ती है?"
उन्होंने कहा, "जवाब है, इंजन की वजह से, क्योंकि टक्कर लगने पर इंजन ही आपकी जान ले लेता है। है ना? और मोटरसाइकिल हल्की होती है इसलिए दुर्घटना होने पर इंजन गायब हो जाता है। है ना?" गांधी ने कहा, "मोटरसाइकिल में, जब आप पर कोई प्रभाव पड़ता है, तो इंजन आपसे अलग हो जाता है। इसलिए इंजन आपको नुकसान नहीं पहुंचाता। जबकि कार में, जब आप पर कोई असर पड़ता है, तो इंजन कार में आ जाता है। इसलिए पूरी कार को इंजन को आपको मरने से रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
गांधी ने कहा कि "इलेक्ट्रिक मोटर उस केंद्रीकृत ऊर्जा प्रणाली को तोड़ देती है।" उन्होंने कहा, "इलेक्ट्रिक मोटर आपको मोटर (पारंपरिक ईंधन कारों में प्रयुक्त) को विभिन्न स्थानों पर लगाने की सुविधा देती है। इसलिए इलेक्ट्रिक मोटर शक्ति का विकेंद्रीकरण है और यही वास्तव में इसकी प्रभावशीलता है।"
उन्होंने श्रोताओं से पूछा, "ठीक है?" भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी की व्याख्या का ऑडियो चलाते हुए पार्टी सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "हार्ले-डेविडसन से लेकर टोयोटा और फॉक्सवैगन से लेकर फोर्ड तक, मैकेनिकल इंजीनियर उनके द्वारा दिए गए अद्भुत इंजीनियरिंग ज्ञान को सुनकर अपनी छाती पीट रहे होंगे।"
त्रिवेदी ने गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा, "जिस किसी को भी उनके ज्ञान पर संदेह था, यह सुनने के बाद वह मिट गया होगा।" भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने भी कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर निशाना साधते हुए कहा, "मैंने इतनी बकवास बात अब तक नहीं सुनी। अगर कोई यह समझ सके कि राहुल गांधी यहां क्या कहना चाह रहे हैं, तो मुझे खुशी होगी।"
मालवीय ने गांधी के संबोधन का एक वीडियो क्लिप पोस्ट करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, "लेकिन यदि आप भी मेरी तरह हतप्रभ हैं, तो निश्चिंत रहें, आप अकेले नहीं हैं!" भाजपा नेता ने कहा कि विकेंद्रीकरण के बारे में राहुल गांधी की व्याख्या में चार पहिया और दो पहिया वाहनों के यांत्रिकी की तुलना शामिल थी, लेकिन उन्होंने दो पहिया वाहनों में जाइरोस्कोप की भूमिका को छोड़ दिया।
उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने अपने वीडियो में चार पहिया वाहनों में विकेंद्रीकरण की तुलना दोपहिया वाहनों से गलत तरीके से की, दुर्घटना के दौरान इंजन के अलग होने की गलत व्याख्या की है और इसे बोल्ट के माध्यम से जुड़े घटकों के बराबर बताया है।" त्रिवेदी ने कहा, "ऐसा लगता है जैसे राहुल गांधी मानते हैं कि भारत में सब कुछ इसी तरह बिखर जाएगा।" उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "ऐसे व्यक्ति को, जिसके पास तथाकथित असाधारण ज्ञान है, बोलने के लिए कांग्रेस से आमंत्रित किया जाता है।"
उन्होंने हैरानी जताई कि जब कांग्रेस में पी चिदंबरम, अभिषेक सिंघवी, शशि थरूर, मनीष तिवारी और जयराम रमेश जैसे कई विद्वान लोग हैं तो विश्वविद्यालयों और अन्य द्वारा गांधी को बोलने के लिए क्यों आमंत्रित किया जाता है। त्रिवेदी ने कहा, "(कांग्रेस में) कई लोग हैं जो अपने विषयों के विशेषज्ञ हैं, जिनमें उनके (राहुल गांधी के) चाचा सैम पित्रोदा भी शामिल हैं, जो स्थायी रूप से विदेश में रहते हैं और उनकी छवि एक बुद्धिजीवी की है।"
खबर - भाषा एजेंसी