हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना से महामंडलेश्वर की मौत से हड़कंप, मेले में 5 दिन में आए 1700 पॉजीटिव केस

By भाषा | Published: April 15, 2021 10:30 PM2021-04-15T22:30:23+5:302021-04-15T22:33:11+5:30

महाकुंभ से अब तक 20 से अधिक संत और 5 दिन के अंदर 1700 लोगों की जांच रिपोर्ट कोविड पॉजीटिव आई है.

Haridwar Kumbh Mahamandaleshwar's death Corona 1700 positives came in 5 days fair  | हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना से महामंडलेश्वर की मौत से हड़कंप, मेले में 5 दिन में आए 1700 पॉजीटिव केस

उत्तराखंड में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. (file photo)

Highlightsचित्रकूट के महामंडलेश्वर कपिल देव का देहरादून के एक निजी अस्पताल में 3 दिन पहले से कोविड-19 का इलाज चल रहा था. फेफड़ों में कोरोना का संक्रमण बढ़ जाने की वजह से मौत हो गई. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी भी कोविड-19 संक्रमित हैं.

हरिद्वारः महाकुंभ हरिद्वार में कोरोना संक्रमित हुए महामंडलेश्वर की मौत के बाद हड़कंप मच गया है. जानकारी के मुताबिक निर्वाणी अखाड़ा, चित्रकूट के महामंडलेश्वर कपिल देव का देहरादून के एक निजी अस्पताल में 3 दिन पहले से कोविड-19 का इलाज चल रहा था.

उनके फेफड़ों में कोरोना का संक्रमण बढ़ जाने की वजह से मौत हो गई. महाकुंभ से अब तक 20 से अधिक संत और 5 दिन के अंदर 1700 लोगों की जांच रिपोर्ट कोविड पॉजीटिव आई है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी भी कोविड-19 संक्रमित हैं. उनका एम्स ऋषिकेश में उपचार चल रहा है.

वहीं उत्तराखंड में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. पिछले 24 घंटे में उत्तराखंड में कोविड-19 संक्रमण के 2000 नए केस सामने आ चुके हैं, वहीं 13 लोगों की मौत हो चुकी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 10 से 14 अप्रैल तक हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में कोविड -19 से 1700 लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है.

हरिद्वार कुंभ में 5 दिनों में 2 हजार पॉजीटिव निगेटिव रिपोर्ट के बाद मिला था प्रवेश

हरिद्वार में इन दिनों कुंभ मेला चल रहा है. यहां पिछले पांच दिनों के भीतर 2167 श्रद्धालुओं को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है. यह स्थिति तब है जब यहां बगैर कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के लोगों को प्रवेश नहीं मिल रहा है. सोशल मीडिया पर लोग कुंभ की भीड़ चर्चा का विषय है. स्वास्थ्यकर्मियों ने मेला क्षेत्र में 10 से 14 अप्रैल के बीच 2 लाख 36 हजार 751 कोविड जांच की, जिनमें से 2167 लोगों की रिपोर्ट में उनके महामारी से ग्रस्त होने की पुष्टि हुई.

हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी शंभु कुमार झा ने कहा कि इस संख्या में श्रद्धालुओं और विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों की हरिद्वार से लेकर देवप्रयाग तक पूरे मेला क्षेत्र में पांच दिनों में की गई आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन जांच दोनों के आंकड़े शामिल हैं. अभी और आरटी-पीसीआर जांच के नतीजे आना बाकी हैं.

हरिद्वार, टिहरी और ऋषिकेश सहित देहरादून जिले के विभिन्न भागों में 670 हेक्टेयर क्षेत्रफल में महाकुंभ क्षेत्र फैला हुआ है. सोमवार को सोमवती अमावस्या तथा बुधवार को मेष संक्र ांति और बैसाखी के पर्व पर हुए दोनों शाही स्नानों में गंगा में डुबकी लगाने वाले 48.51 लाख श्रद्धालुओं में से ज्यादातर लोग बिना मास्क पहने और सामाजिक दूरी रखने जैसे कोविड से बचाव के नियमों का उल्लंघन करते नजर आए.

कोरोना जांच के लिए तैयार नहीं हुए साधु-संत 14 अप्रैल को मेष संक्र ांति के शाही स्नान के पहले साधु-संत आरटी-पीसीआर जांच के लिए तैयार नहीं हुए. हालांकि, अखाड़ों सहित कुंभ क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर जांच और टीकाकरण अभियान में अब आने वाले दिनों में तेजी आने की संभावना है.

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