250 करोड़ की बिल्डिंग को बनाने में लगे 12 साल, मंत्री नितिन गडकरी दोषी अधिकारियों पर बरसे
By रामदीप मिश्रा | Published: October 29, 2020 08:15 AM2020-10-29T08:15:44+5:302020-10-29T08:15:44+5:30
नितिन गडकरी ने कहा कि हम गर्व के साथ कहते हैं कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को दो से तीन वर्षों में पूरा करेंगे। इसकी कीमत ₹ 80,000 से 1 लाख करोड़ तक है। लेकिन 250 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में इतने साल लग गए।
नई दिल्लीः केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के नए भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने भवन के बनने में हुई लेट-लतीफी को लेकर अधिकारियों की जमकर खिंचाई की है और इसे शर्मनाक बताया है। साथ ही साथ अधिकारियों पर कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह "शर्म की बात" है कि 2008 में 250 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को अंतिम रूप दिया गया था। इसकी निविदा 2011 में दी गई थी और इसके निर्माण में नौ साल का समय लगा। यानि कुल मिलाकर 12 साल लग गए हैं। इस दौरान दो सरकारें और आठ चेयरमैन लग गए। इससे मौजूदा चेयरमैन और सदस्यो का कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिन महान हस्तियों ने 2011 से 2020 तक इस प्रोजेक्ट पर काम किया, यदि संभव हो तो उनकी तस्वीरों को इमारत में लगाया जाना चाहिए। उन्होंने नौ साल तक फैसले लेने में देरी की।
नितिन गडकरी ने कहा कि हम गर्व के साथ कहते हैं कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को दो से तीन वर्षों में पूरा करेंगे। इसकी कीमत ₹ 80,000 से 1 लाख करोड़ तक है। लेकिन 250 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में इतने साल लग गए। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को तत्काल सुधारों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन न करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा, "हम परफॉर्मेंस संबंधी अड़चनों की पहचान करने में असमर्थ हैं। कई समितियों का गठन किया गया। समितियों ने अपनी रिपोर्ट दी। लेकिन, एनएचएआई के ये भ्रष्ट और अयोग्य व आलसी लोग इतने शक्तिशाली हैं कि आदेशों के बावजूद गलत फैसले लेते हैं।