राफेल विवाद पर HAL चीफ आर माधवन ने कहा- हम राफेल डील के लिए दावेदार थे ही नहीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 6, 2018 02:25 PM2018-11-06T14:25:51+5:302018-11-06T14:25:51+5:30
विपक्ष और कांग्रेस ने इसे लेकर नरेन्द्र मोदी सरकार पर ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट में एचएएल की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
राफेल डील को लेकर जहां विपक्ष नरेन्द्र मोदी सरकार पर लगातार हमलावर हो रही है। इसी बीच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के नए चीफ आर माधवन ने कंपनी को राफेल डील को लेकर कोई भी राजनीति करने की सलाह नहीं दी है। उन्होंने कहा है कि कंपनी को इस विवाद से दूर रखा जाए। आर माधवन सितंबर में ही एचएएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर बने हैं। उसके बाद पहली बार उन्होंने इकोनॉमिक्स टाइम्स को इंटरव्यू दिया है।
विपक्ष और कांग्रेस ने इसे लेकर नरेन्द्र मोदी सरकार पर ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट में एचएएल की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक, इस पर एचएल कंपनी के चीफ आर माधवन ने कहा है कि कंपनी इस ऑफसेट बिजनेस में नहीं है। उन्होंने कहा कि 30 हजार करोड़ के ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट की दावेदार भी नहीं थी।
- आर माधवन ने कहा, हमने अपने सारे स्टाफ को इस बात की खास हिदायत दी है कि वह राफेल डील से जुड़े किसी भी विवाद पर कुछ ना बोले और किसी भी तरह के राजनीति में हिस्सा में हिस्सा ना ले। माधवन ने कहा कि अगर एंप्लॉयीज इस मामले में किसी पार्टी के साथ जुड़ेंगे तो इससे कंपनी की छवि पर बुरा असर पड़ेगा।
- आर माधवन ने कहा- कंपनी के युनियंस ने इस बारे में अपना रुख एकदम साफ कर दिया है। उन्होंने बताया कि वह इस मामले में किसी भी पार्टी के साथ नहीं हैं।
- आर माधवन ने कहा, हम ऑफसेट बिजनेस में नहीं है, हमारा काम एयरक्राफ्ट बनाना है। कंपनी का काम टेक्नॉलजी ट्रांसफर और प्रॉडक्शन, ऑफसेट से बिल्कुल अलग है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी के पास अलग-अलग प्रोग्राम में कुछ ऑफसेट बिजनस आ सकता है, लेकिन जमीनी स्तर पर ऑफसेट पार्टनर नहीं है।
इधर राफेल डील बीजेपी ने सोमवार को कहा कि उसने इस सौदे से 'बिचौलिए' को भगा दिया इसलिए कांग्रेस को पीड़ा हो रही है। भाजपा के अनुसार इस मामले में कांग्रेस का झूठ देश के सामने आएगा। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि कांग्रेस व तत्कालीन संप्रग सरकार इस मामले में वायुसेना की न सुन एक दलाल संजय भंडारी की सुन रही थी जो राबर्ट वाड्रा का खास है।
बीजेपी ने साधा निशाना
बीजेपी ने साधा निशाना मीडिया सेंटर में मेघवाल ने कहा, ''मैं यह कह रहा हूं कि मुझे पूरी जानकारी है और जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं। इन्हें (कांग्रेस को) पीड़ा तब हुई जब संजय भंडारी के जरिए सौदा नहीं हुआ। हमने बिचौलिए को भगाया। दो देशों के बीच समझौता किया।'' उन्होंने कहा कि कांग्रेस 2006 से लेकर 2013 तक राफेल सौदे के मुद्दे को सुलझा नहीं पाई। उन्होंने आरोप लगाया कि वायुसेना द्वारा बार बार मांग किए जाने के बावजूद उसकी नहीं सुनी गई। ''क्योंकि कांग्रेस संजय भंडारी की सुन रही थी, जो बीच में एक दलाल था। जो राबर्ट वाड्रा का खास था। वह उनके माध्यम से सौदा करना चाह रहे थे।'' अपेक्षाकृत कम कीमत में किया सौदा: मेघवाल ने दावा किया कि मोदी सरकार ने राफेल लड़ाकू विमान का सौदा अपेक्षाकृत कम कीमत में किया है।