उद्धव ठाकरे कैबिनेट में शामिल न किए जाने पर शिवसेना के कुछ वरिष्ठ नेताओं के नाखुश होने की अटकलों के बीच पार्टी के सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि तीन पार्टी की गठबंधन सरकार में शिवसेना के पास ‘‘सीमित विकल्प’’ थे। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उन्हें 24 अक्टूबर को राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को समर्थन देने वाले सहयोगियों को इसमें जगह देनी थी। राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘हमें नये चेहरों को भी मौका देना था।’’
शिवसेना ने सोमवार को हुए कैबिनेट विस्तार के दौरान रामदास कदम, दिवाकर रावते, रवींद्र वाइकर, दीपक केसरकर और तानाजी सावंत जैसे अपने नेताओं को जगह नहीं दी। राउत सोमवार को हुए बहु प्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार समारोह में शामिल नहीं हुए। उनकी गैर मौजूदगी से अटकलें लगाई गईं कि शिवसेना विधायक एवं उनके भाई सुनील राउत को मंत्री नहीं बनाए जाने से वह नाराज हैं। यह पूछे जाने पर कि वह शपथ ग्रहण समारोह से दूर क्यों रहे, इस पर राउत ने मंगलवार को कहा, ‘‘मैं ‘सामना’ के कार्यालय में अपना काम कर रहा था।’’ विपक्षी दल भाजपा के नेता भी ठाकरे सरकार के मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए।