Gyanvapi mosque issue: ज्ञानवापी मामले को लेकर महबूबा मुफ्ती ने भाजपा पर साधा निशाना, कही ये बात
By मनाली रस्तोगी | Updated: September 13, 2022 14:24 IST2022-09-13T14:20:12+5:302022-09-13T14:24:50+5:30
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ज्ञानवापी मामले पर कहा कि कोर्ट के ज्ञानवापी के निर्णय पर मुझे अफसोस है क्योंकि कोर्ट अपने फैसलों को नहीं मान रही जिसमें उन्होंने 1947 के बाद सारे धार्मिक जगहों की यथास्थिति को बनाए रखने के लिए कहा था। कोर्ट भाजपा के नरेटिव को आगे बढ़ा रही है।

Gyanvapi mosque issue: ज्ञानवापी मामले को लेकर महबूबा मुफ्ती ने भाजपा पर साधा निशाना, कही ये बात
जम्मू: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी जिला अदालत के फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अदालतों ने फैसला सुनाया था कि 1947 में धार्मिक स्थलों की यथास्थिति बनाए रखी जाए। भाजपा बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई को खत्म करने में नाकाम रही है। इसलिए वे लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं।
Gyanvapi mosque issue | The courts had ruled that 1947 status quo of religious places be maintained. BJP has failed to eliminate unemployment, poverty and inflation. So, they want to distract people's attention. Court's ruling support this BJP narrative: PDP chief Mehbooba Mufti pic.twitter.com/1qIaAEDSF7
— ANI (@ANI) September 13, 2022
उन्होंने ये भी कहा कि कोर्ट का फैसला भाजपा के इस आख्यान का समर्थन करता है। यही नहीं, इससे पहले पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए लिखा, "पूजा स्थल अधिनियम के बावजूद ज्ञानवापी पर अदालत के फैसले से दंगा भड़केगा और एक सांप्रदायिक माहौल पैदा होगा जो भाजपा का एजेंडा है। यह एक खेदजनक स्थिति है कि अदालतें अपने स्वयं के फैसलों का पालन नहीं करती हैं।"
Court ruling on Gyanvapi despite Places of Worship Act will lead to rabble rousing & create a communal atmosphere which ironically plays into BJP’s agenda.Its a sorry state of affairs that Courts don’t follow their own rulings.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 13, 2022
गौरतलब है कि वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले की विचारणीयता पर सवाल उठाने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी और कहा कि वह देवी-देवताओं की दैनिक पूजा के अधिकार के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी, जिनके विग्रह ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं।
जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मामले की विचारणीयता पर सवाल उठाया गया था। मुस्लिम पक्ष ने अदालत के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की घोषणा की है। इसके साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। वहीं, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सोमवार को अगली सुनवाई की तारीख 28 सितंबर 2022 निर्धारित की।