गुजरात हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी- अहमदाबाद के अधिकारियों में यातायात नियम लागू करने की हिम्मत नहीं

By भाषा | Published: July 25, 2023 09:17 PM2023-07-25T21:17:58+5:302023-07-25T21:19:59+5:30

अहमदाबाद में पिछले सप्ताह कार हादसे में नौ लोगों की मौत से संबंधित घटना को लेकर गुजरात हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि नगर अधिकारियों के अंदर यातायात नियम लागू करने की हिम्मत नहीं है।

Gujarat High Court's strict comment - Ahmedabad officials dont have courage to enforce traffic rules | गुजरात हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी- अहमदाबाद के अधिकारियों में यातायात नियम लागू करने की हिम्मत नहीं

अहमदाबाद के अधिकारियों में यातायात नियम लागू करने की हिम्मत नहीं: गुजरात हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने अहमदाबाद शहर में पिछले सप्ताह कार हादसे में नौ लोगों की मौत से संबंधित घटना का जिक्र करते हुए मंगलवार को कहा कि नगर अधिकारियों के अंदर यातायात नियम लागू करने की “हिम्मत” नहीं है। न्यायमूर्ति ए.एस सुपेहिया और न्यायमूर्ति एम.आर. मेंगडे की पीठ ने कहा कि अगर पुलिस ने नियमित जांच की होती, तो यह दुर्घटना नहीं हुई होती। पीठ गुजरात सरकार और अहमदाबाद शहर के अधिकारियों के खिलाफ मुश्ताक हुसैन कादरी नामक व्यक्ति की अदालत की अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

गुजरात सरकार और अहमदाबाद के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने शहर में यातायात नियमों को लेकर कादरी की जनहित याचिका पर जारी उच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया। उल्लेखनीय है कि 20 जुलाई को एस.जी. राजमार्ग स्थित एक फ्लाईओवर पर एक तेज रफ्तार कार ने लोगों के समूह को टक्कर मार दी थी, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 13 लोग घायल हो गए थे।

न्यायमूर्ति सुपेहिया ने कहा, “क्या आप मूल मुद्दा जानते हैं? ये चीजें क्यों हो रही हैं, इसका असली कारण यह है कि इन अपराधियों को कानून का कोई डर नहीं है। वे (अपराधी) खुलेआम, दंड की परवाह किए बगैर कानून का उल्लंघन करते हैं।” उन्होंने कहा, “आपके पास यातायात कानूनों को लागू करने के लिए रीढ़ नहीं है, न ही आपमें इसे लागू करने की इच्छाशक्ति है....आप सीसीटीवी कैमरे का दंभ भर रहे थे। इस हादसे ने इस तथ्य को उजागर कर दिया कि सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि यहां तक कि कांस्टेबल भी यातायात नियमों के उल्लंघन पर मूकदर्शक बने रहते हैं। जब सरकारी वकील ने बताया कि यातायात पुलिस ने वाहनों और चालकों के लाइसेंस की जांच शुरू कर दी है, तो न्यायाधीश ने पूछा कि क्या वे किसी दुर्घटना होने का इंतजार कर रहे थे।

न्यायमूर्ति सुपेहिया ने कहा, “आप दुर्घटना होने का इंतजार करते हैं, आप जान गंवाने की घटना घटित होने का इंतजार करते हैं? यदि आपने नियमित रूप से यह (यातायात उल्लंघन की जांच) किया होता, तो ऐसा नहीं होता। यह (जांच) केवल कुछ दिन तक चलेगी... आप जो अभियान अभी चला रहे हैं, वह नियमित रूप से चलना चाहिए।”

Web Title: Gujarat High Court's strict comment - Ahmedabad officials dont have courage to enforce traffic rules

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