गुजरात सरकार ने मनरेगा की तारीफ की, उसे महामारी के दौरान श्रमिकों के लिए ‘जीवन रक्षक’ बताया

By भाषा | Updated: June 12, 2021 16:19 IST2021-06-12T16:19:22+5:302021-06-12T16:19:22+5:30

Gujarat government praises MGNREGA, calls it 'life saver' for workers during pandemic | गुजरात सरकार ने मनरेगा की तारीफ की, उसे महामारी के दौरान श्रमिकों के लिए ‘जीवन रक्षक’ बताया

गुजरात सरकार ने मनरेगा की तारीफ की, उसे महामारी के दौरान श्रमिकों के लिए ‘जीवन रक्षक’ बताया

अहमदाबाद, 12 जून गुजरात की भाजपा सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना की तारीफ करते हुए कहा है कि लॉकडाउन के कारण पिछले साल अपने गांवों में लौटे प्रवासी कामगारों के लिए यह ‘जीवन रक्षक’ साबित हुई है।

राज्य सरकार ने ‘गुजरात में ऊर्जा, उत्सर्जन, पर्यावरण और विकास पर कोविड-19 के प्रभाव’ रिपोर्ट में मनरेगा योजना की तारीफ की है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने गत शनिवार को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ पर यह रिपोर्ट जारी की थी।

मनरेगा ग्रामीण क्षेत्र में न्यूनतम दिहाड़ी पर लोगों को रोजगार देने की गारंटी योजना है। कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 2006 में इसकी शुरुआत की थी।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘रोजगार गारंटी की मनरेगा योजना कोविड-19 महामारी के बाद घर लौटने को मजबूर हुए श्रमिकों के लिए जीवन रक्षक साबित हुई है।’’

इसमें कहा गया है कि ये श्रमिक शहरों में जितना कमा रहे थे, उसके मुकाबले मनरेगा की दिहाड़ी काफी कम है, इसके बावजूद कोविड-19 से उत्पन्न संकट के दौरान यह उनके और उनके परिवार के पालन-पोषण में मददगार रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी 224 रुपये प्रतिदिन है, जो पहले 198 रुपये प्रतिदिन हुआ करती थी।

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