गुजरात: फाइन आर्ट्स स्टूडेंट ने बनाई हिंदू देवी-देवताओं की 'आपत्तिजनक' कलाकृतियां, पुलिस ने दर्ज किया एफआईआर, जानिए पूरा मामला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 10, 2022 05:46 PM2022-05-10T17:46:47+5:302022-05-10T17:57:15+5:30
गुजरात के बडोदरा में फाइन आर्ट्स फैकल्टी के कारण काफी प्रसिद्धि पाने वाला महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी के एक छात्र पर आरोप है कि उसने हिंदू देवी-देवताओं की आपत्तिजनक कलाकृतियों को बनाया है।
वडोदरा: महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी का फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट एक छात्र के विवादित पेंटिंग के कारण मुश्किलों में है। देश के प्रसिद्ध फाइन आर्ट्स फैकल्टी के कारण काफी प्रसिद्धि पाने वाला महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी के एक छात्र पर आरोप है कि उसने पेपर कटिंग से हिंदू देवी-देवताओं की नग्न और आपत्तिजनक कलाकृतियों को बनाया है।
वडोदरा पुलिस ने मामले में विवाद को बढ़ता हुए देखकर आरोपी छात्र के खिलाफ मंगलवार को एफआईआर दर्ज कर लिया है। जानकारी के मुताबिक यूनिवर्सिटी के ही कुछ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीबीपी) के सदस्यों ने छात्र की पेंटिंग का विरोध करते हुए बीते 5 मई को फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया था।
एबीवीपी समर्थित छात्र विरोध प्रदर्शन के दौरान आरोप लगा रहे थे कि आरोपी छात्रों ने जानबूझ कर हिंदू देवी-देवताओं की नग्न और आपत्तिजनक कलाकृतियां बनाई है।
इस मामले में बडोदरा पुलिस की ओर से बात करते हुए पुलिस इंस्पेक्टर आरजी जडेजा ने बताया कि एबीवीपी कार्यकर्ता जयवीरसिंह राउलजी की शिकायत के आधार पर सयाजीगंज पुलिस ने सोमवार की शाम को फाइन आर्ट्स के फर्स्ट इयर के स्टूडेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
पुलिस इंस्पेक्टर आरजी जडेजा ने कहा कि स्टूडेंट पर आईपीसी की धारा 295ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों का उद्देश्य किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म का अपमान करना) और 298 (किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द कहना) के तहत मामला दर्ज किया गया है लेकिन छात्र को पुलिस ने हिरासत में नहीं लिया है, अभी उसके खिलाफ पुलिस की जांच जारी है।
अपनी शिकायत के संबंध में बात करते हुए एबीवीपी कार्यकर्ता जयवीरसिंह राउलजी ने कहा कि उन्हें 5 मई को अपने व्हाट्सएप पर फाइन आर्ट्स के स्टूडेंट द्वारा बनाई गई कथित आपत्तिजनक कलाकृतियां मिली। इसलिए हम इन कलाकृतियों के वेरिफिकेशन के लिए फाइन आर्ट्स फैकल्टी पहुंचे में पहुंचे, चो वहां पता चला कि वो कलाकृतियां फैकल्टी के एग्जिबिशन में टंगी थीं।
हालांकि जब एबीवीपी के स्टूडेंट फैकल्टी पहुंचे तो वो कलाकृतियां एक्जिबिशन में नहीं दिखाई दीं। पूछताछ में उस स्टूडेंट ने माना कि उसने ही वो कलाकृतियां बनाई है। इसके बाद स्टूडेंट ने एबीवीपी स्टूडेंट से कहा कि वो आगे भी इस तरह की कलाकृतियां बनाता रहेगा।
वहीं जब एबीवीपी छात्रों ने मामले में विरोध प्रदर्शन शुरू किया तो यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉक्टर विजय कुमार श्रीवास्तव ने इस विवाद की जांच के लिए नौ सदस्यीय की एक कमेटी बना दी।
हालांकि इस विवाद में फाइन आर्ट्स फैकल्टी के डीन डॉक्टर जयराम पोडुवाल अपने स्टूडेंट के साथ खड़े नजर आये और उन्होंने एबीवीपी स्टूडेंट्स द्वारा लगाये गये सभी आरोपों से इनकार किया है। डीन ने कहा कि छात्र ने कुछ भी आपत्तजनक नहीं बनाया है और सर साल स्टूडेंट्स इसी तरह की पेंटिंग्स बनाते हैं।