गुजरात: मुस्लिम इलाकों में 'आप' और AIMIM की वजह से वोट बंटने से भाजपा को फायदा! कांग्रेस को नुकसान

By विनीत कुमार | Published: December 8, 2022 04:07 PM2022-12-08T16:07:47+5:302022-12-08T16:12:41+5:30

गुजरात में भाजपा की बड़ी जीत हुई है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इतिहास रचते हुए पुराने सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। भाजपा को एक फायदा मुस्लिम वोटों के बंटवारे का भी मिला नजर आया है।

Gujarat Election 2022 BJP, congress, aap, aimim performance in Muslim dominated seats | गुजरात: मुस्लिम इलाकों में 'आप' और AIMIM की वजह से वोट बंटने से भाजपा को फायदा! कांग्रेस को नुकसान

गुजरात: आप और एमआईएमआई में बंट गए मुस्लिम वोट (फाइल फोटो)

अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव में भले ही भाजपा ने कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा था लेकिन पार्टी की ऐतिहासिक जीत में मुस्लिम बहुल इलाकों की भी भूमिका रही। गुजरात में भाजपा इस बार 155 से अधिक सीटों पर कब्जा जमाती नजर आ रही है। यह किसी भी पार्टी के लिए गुजरात के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी जीत है।

कांग्रेस इस चुनाव में बुरी तरह फ्लॉप साबित हुई है और पार्टी संभवत 10 से भी कम सीटें जीत सकेगी। गुजरात में कई मुस्लिम बहुल इलाकों में कांग्रेस को हुए नुकसान का सीधा-सीधा फायदा भाजपा को मिला है। रुझानों में 17 मुस्लिम बहुल इलाकों में भाजपा 12 सीटों पर अच्छी-खासी बढ़त बनाए हुए हैं। भाजपा के लिए इन इलाकों में यह छह सीटों की बढ़त है। 

इससे पूर्व इन सीटों से कांग्रेस के लिए ही वोट निकलते रहे हैं। इस चुनाव में कांग्रस इनमें से केवल 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। उदाहरण के तौर पर दरियापुर एक मुस्लिम बहुल सीट है, जिस पर कांग्रेस ने 10 साल तक कब्जा रखा। हालांकि इस बार कांग्रेस विधायक ग्यासुद्दीन शेख भाजपा उम्मीदवार कौशिक जैन से हार गए हैं।

मुस्लिम बहुल इलाकों में नहीं चले 'आप' और एआईएमआईएम

आम आदमी पार्टी 16 मुस्लिम बहुल सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसे कहीं सफलता नहीं मिली। हालांकि 'आप' और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने मुस्लिम वोटों का बंटवारा जरूर कर दिया, जो पारंपरिक तौर पर कांग्रेस को जाते रहे थे।

AIMIM के पास दो गैर-मुस्लिमों सहित 13 उम्मीदवार थे, जिन्होंने जमालपुर-खड़िया और वडगाम जैसी मुस्लिम बहुल सीटों पर कांग्रेस के वोट काटे। वैसे जमालपुर-खड़िया में कांग्रेस के इमरान खेड़ावाला कुछ राउंड में पिछड़ने के बाद 13 हजार के अधिक अंतर से जीत गए। वडगाम में जिग्नेश मेवाणी मामूली अंतर से आगे चल रहे हैं।

बिल्किस बानो के दोषियों की रिहाई पर कांग्रेस रही थी मुखर

गुजरात चुनाव की रणभेरी बजने से ठीक पहले अगस्त में बिल्किस बानों के दोषियों की रिहाई के बाद कांग्रेस ने मुखर होकर इसकी आलोचना की थी। पूरे देश में दोषियों की रिहाई को लेकर काफी चर्चा भी हुई। हालांकि, इससे भाजपा को खास नुकसान होता नजर नहीं आया है।

रेप के दोषियों को रिहा करने के फैसले में शामिल रहे और उन्हें 'संस्कारी ब्राह्मण' बताने वाले भाजपा नेता चंद्रसिंह राउलजी गोधरा में 35 हजार के बड़े अंतर से जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं। वह निर्वाचन क्षेत्र से छह बार के विधायक हैं।

गुजरात के दाहोद जिले की लिमखेड़ा सीट से भी भाजपा के भाभोर शैलेश सुमनभाई 3600 से अधिक वोटों के अंतर से जीत गए है। दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के बरिया नरेशभाई पूणाभाई रहे। बिलकिस बानो यहीं से आती हैं। वह यहां के रणधीकपुर गांव में रहती हैं। हालांकि यह हिंदू बहुल इलाका है। 

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