गुजरात : कांग्रेस ने गोडसे की प्रतिमा लगाने वाले समूह के खिलाफ राजद्रोह के तहत कार्रवाई की मांग की
By भाषा | Updated: November 17, 2021 20:58 IST2021-11-17T20:58:18+5:302021-11-17T20:58:18+5:30

गुजरात : कांग्रेस ने गोडसे की प्रतिमा लगाने वाले समूह के खिलाफ राजद्रोह के तहत कार्रवाई की मांग की
अहमदाबाद, 17 नवंबर गुजरात में कांग्रेस ने बुधवार को पुलिस से संपर्क किया और मांग की कि जामनगर में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रतिमा लगाने वाले लोगों को ‘‘देशद्रोही’’ माना जाए और ‘‘देश की अखंडता के हित में’’ राजद्रोह कानून के तहत मामला दर्ज किया जाए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आशीष भाटिया से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया कि गांधी की हत्या करने वाले व्यक्ति की प्रतिमा को स्थापित करना देश की अखंडता पर हमला करने का प्रयास है और यह आतंकवाद जैसा कृत्य है। ज्ञापन में कहा गया, ‘‘देश की अखंडता के हित में आपसे अनुरोध है कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ राजद्रोह कानून के तहत कार्रवाई करें।’’
दक्षिणपंथी संगठन ‘हिंदू सेना’ के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने सोमवार को आवक्ष प्रतिमा स्थापित की थी, जिसे कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने मंगलवार को ध्वस्त कर दिया। पुलिस ने वैमनस्यता बढ़ाने के आरोप में दोनों पक्षों के सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
डीजीपी से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता भारतसिंह सोलंकी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह शर्म की बात है कि महात्मा गांधी और सरदार पटेल के गुजरात में ऐसा हो रहा है। अहिंसा के लिए गांधी का दुनिया भर में सम्मान किया जाता है और उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की आजादी के लिए लड़ने में समर्पित कर दिया।’’
जामनगर ‘ए’ डिवीजन थाना के निरीक्षक महावीर जालू ने कहा कि गोडसे की प्रतिमा को जामनगर शहर के बाहरी इलाके में एक छोटे से मंदिर-सह आश्रम के खुले मैदान में एक वकील प्रतीक भट्ट के नेतृत्व में ‘हिंदू सेना’ के सदस्यों द्वारा स्थापित किया गया था।
आवक्ष प्रतिमा स्थापित होने की सूचना मिलने पर जामनगर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष दिगुभा जडेजा पार्टी सहयोगी धवल नंदा के साथ मौके पर पहुंचे और उसे ध्वस्त कर दिया। भट्ट और जडेजा की अलग-अलग शिकायतों के आधार पर पुलिस ने विभिन्न समूहों के बीच रंजिश को बढ़ावा देने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए के तहत दोनों पक्षों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है।
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