गुजरात : कोविड भत्ता नहीं मिलने पर 450 प्रशिक्षु चिकित्सकों ने की हड़ताल

By भाषा | Published: July 15, 2021 04:36 PM2021-07-15T16:36:45+5:302021-07-15T16:36:45+5:30

Gujarat: 450 trainee doctors strike for non-receipt of Kovid allowance | गुजरात : कोविड भत्ता नहीं मिलने पर 450 प्रशिक्षु चिकित्सकों ने की हड़ताल

गुजरात : कोविड भत्ता नहीं मिलने पर 450 प्रशिक्षु चिकित्सकों ने की हड़ताल

अहमदाबाद, 15 जुलाई गुजरात में सरकार द्वारा "कोविड भत्ते" का कथित रूप से भुगतान नहीं किए जाने को लेकर तीन सिविल अस्पतालों के कम से कम 450 प्रशिक्षु चिकित्सक बृहस्पतिवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।

आंदोलनकारी प्रशिक्षु चिकित्सक अहमदाबाद, गांधीनगर और वलसाड के सोला इलाके में गुजरात मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान सोसाइटी (जीएमईआरएस) द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों के हैं।

दरअसल, अपना एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद मेडिकल छात्रों को चिकित्सा क्षेत्र में अपना अभ्यास शुरू करने से पहले अस्पतालों में इंटर्नशिप करने की आवश्यकता होती है।

आंदोलनकारी विद्यार्थियों के मुताबिक राज्य सरकार ने अप्रैल में घोषणा की थी कि सरकारी तथा जीएमईआरएस की ओर से संचालित मेडिकल कॉलेजों के प्रशिक्षु चिकित्सकों को कोविड-19 ड्यूटी के दौरान मार्च से जून महीने तक मासिक वजीफा (स्टाइपेंड) के अतिरिक्त कोविड भत्ते के रूप में पांच हजार रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाएगा।

हड़ताल कर रहे एक प्रशिक्षु चिकित्सक ने कहा, " सरकार द्वारा संचालित कॉलेजों के प्रशिक्षु चिकित्सकों को वादे के मुताबिक कोविड भत्ता मिला है, लेकिन जीएमईआरएस द्वारा संचालित कॉलेजों के प्रशिक्षु चिकित्सकों को अब तक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। हमने इस बारे में प्रशासन के संबंधित अधिकारियों को कई बार अवगत कराया है, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसलिए इन तीन अस्पतालों के करीब 450 प्रशिक्षु चिकित्सकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। "

इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभालने वाले गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने आंदोलनकारी चिकित्सकों को चेतावनी भरे लहजे में ड्यूटी पर वापस लौटने के लिए कहा है और आश्वासन दिया कि इस मुद्दे का समाधान जल्द कर लिया जाएगा।

पटेल ने कहा, "किसी भी मेडिकल छात्र के लिए इंटर्नशिप जरूरी है। इन छात्रों को संबंधित सरकारी अस्पतालों में अपनी इंटर्नशिप की व्यवस्था करने और उन्हें भत्ते देने के लिए सरकार का आभारी होना चाहिए। किसी प्रकार का कोई भत्ता न मिलने पर भी उन्हें अपनी इंटर्नशिप पूरी करनी होती है, क्योंकि चिकित्सक बनने के लिए यह जरूरी है। निजी मेडिकल कॉलेजों में इंटर्नशिप करने के लिए छात्रों को अपनी जेब से भुगतान करना पड़ता है। इन प्रशिक्षु चिकित्सकों को मरीजों की चिंता करनी चाहिए।

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Web Title: Gujarat: 450 trainee doctors strike for non-receipt of Kovid allowance

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