Gudi Padwa Ugadi 2019: गुडी पाडवा के दिन स्नान से पहले जरूर करें ये काम, हर मनोकामना होगी पूरी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 6, 2019 11:54 IST2019-04-06T07:38:12+5:302019-04-06T11:54:29+5:30

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में, त्योहार को उगादी के रूप में मनाया जाता है और इसी दिन से  चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी होती है जो राम नवमी तक रहती है।

Gudi Padwa Ugadi 2019: Before the bath on the day of Gudi Padwa every wish will be fulfilled | Gudi Padwa Ugadi 2019: गुडी पाडवा के दिन स्नान से पहले जरूर करें ये काम, हर मनोकामना होगी पूरी

Gudi Padwa Ugadi 2019: गुडी पाडवा के दिन स्नान से पहले जरूर करें ये काम, हर मनोकामना होगी पूरी

इस बार गुड़ी पड़वा 6 अप्रैल को है। गुड़ी पड़वा शब्द में गुड़ी का अर्थ होता है विजय पताका और पड़वा प्रतिपदा को कहा जाता है। गुड़ी पड़वा एक महाराष्ट्रीयन त्योहार है जो वसंत के स्वागत और नए साल का प्रतीक है। यह ज्यादातर महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्रों में मनाया जाता है।

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में, त्योहार को उगादी के रूप में मनाया जाता है और इसी दिन से  चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी होती है जो राम नवमी तक रहती है। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। 

हम आपको बताएंगे कि इस त्योहार पर स्नान से पहले क्या करें जिससे आपकी हर मनोकामना पुरी हो।

बेसन और तेल का उबटन 

गुड़ी पड़वा के दिन सूर्योदय से पहले अपने पूरे शरीर पर बेसन, पिसी हुई हल्दी और गाय के कच्चे दूध का मिश्रण बनाकर उसमें 8-10 बूंद सरसो या तिल का तेल डालकर उबटन बना लें और उसे अपने हाथ, पैर, चेहरे और गर्दन पर लगाएं, सूखने के बाद इसे रगड़कर छुड़ा लें और गुनगुने पानी से स्नान करे लें।

स्नान के बाद घर में पूजा स्थल पर गाय के घी का एक दीपक जलाकर मां दुर्गा के बीज मंत्र- ऊँ ह्रीं दुं दुर्गायै नम: का एक हजार बार जप करते हुए मां से अपनी मनोकामना पूर्ति की विनय पूर्वक कामना करें । ऐसा करने से मां दुर्गा कुछ ही दिनों में आपकी सभी मनोकामना पूरी कर देगी । 

जाने गुड़ी पड़वा मनाने का मुहूर्त

प्रथमा तिथि शुरू होगी- 5 अप्रैल, 2019 को 02 बजकर 48 मिनट पर  

प्रथमा तिथि समाप्त होगी- 6 अप्रैल, 2019 को 03 बजकर 55 मिनट पर 

इस दिन से संवत्सर शुरू होता है, जब प्रतिपदा (एक पखवाड़े का पहला दिन; जिसे "पड़वा" भी कहा जाता है) सूर्योदय के समय प्रचलित होती है।

अगर प्रतिपदा 2 दिनों के सूर्योदय पर प्रचलित है, तो पहले दिन को उत्सव के लिए माना जाता है।यदि किसी दिन के सूर्योदय के समय प्रतिपदा का प्रचलन नहीं है, तो जिस दिन प्रतिपदा शुरू हो रही है और समाप्त हो रही है, उस दिन नव व्रत मनाया जाएगा।

अधिक मास के मामले में (हर 32 महीने, 16 दिन, और 8 घाटियों के बाद अतिरिक्त माह को जोड़ा गया), नीचे दिए गए नियमों का पालन किया जाएगा:

यदि यह चैत्र प्रवेश मास (अतिरिक्त माह) है, तो नव संवत्सर इसकी प्रतिपदा से ही शुरू होगा। इसका कारण यह है कि अधिक मास इसके मूल महीने का ही हिस्सा है। अत: मूल चैत्र मास के साथ ही, अधिका चैत्र को भी नव वर्ष का हिस्सा माना जाता है।

गुड़ी पड़वा के अनुष्ठान कब करें  

• नववर्ष फाल श्रवण (नव वर्ष की कुंडली सुनकर)

• तेल अभ्यंग (तेल स्नान)

• निम्बा पत्र प्रशान (नीम की पत्तियां खाकर)

• ध्वाजारोपन (ध्वजारोहण)

• नवरात्रम्भ (चैत्र नवरात्रि की शुरुआत)

• घटस्थापना (नवरात्रि पूजा के लिए कलश / पवित्र शूल की स्थापना)

Web Title: Gudi Padwa Ugadi 2019: Before the bath on the day of Gudi Padwa every wish will be fulfilled

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