कर्नाटक सीमा पर तमिल भाषा में लगे सूचना पट्टिकाओं को समूहों ने क्षतिग्रस्त किया

By भाषा | Updated: January 18, 2021 21:01 IST2021-01-18T21:01:38+5:302021-01-18T21:01:38+5:30

Groups damaged Tamil Nadu information boards along the Karnataka border | कर्नाटक सीमा पर तमिल भाषा में लगे सूचना पट्टिकाओं को समूहों ने क्षतिग्रस्त किया

कर्नाटक सीमा पर तमिल भाषा में लगे सूचना पट्टिकाओं को समूहों ने क्षतिग्रस्त किया

इरोड (तमिलनाडु), 18 जनवरी तमिलनाडु राज्य के कर्नाटक सीमा से लगे क्षेत्रों में तमिलनाडु सरकार के तमिल एवं अंग्रेजी भाषा की सूचना पट्टिकाओं को पड़ोसी राज्य के एक समूह द्वारा कथित तौर पर क्षतिग्रस्त कर दिया गया। यह दावा पुलिस ने सोमवार को यहां किया।

उक्त समूह ने दावा किया कि तमिलनाडु के इरोड जिले के में स्थित तलावडी कर्नाटक का है।

ये घटनाएं महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच उन कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों को लेकर विवाद की पृष्ठभूमि में सामने आयी हैं जहां मुख्य तौर पर मराठी भाषी लोग रहते हैं।

उन्होंने कहा कि एक के बाद एक घटनाओं और इसके खिलाफ विदुतलाई चिरुतैगल काची द्वारा विरोध प्रदर्शन के आह्वान के बाद सशस्त्र पुलिसकर्मियों को कर्नाटक (चामाराजनगर जिले) के साथ लगती तमिलनाडु की सीमा (तलवडी तालुक, इरोड जिले) में तैनात किया गया है।

उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को कर्नाटक में पुलिस के ध्यान में लाया गया है।

तलावडी पुलिस ने कहा कि रविवार को इरोड जिला पंचायत के एक बोर्ड सहित सूचना पट्टिकाओं को अज्ञात शरारती तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि उसने मौके का निरीक्षण किया और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त संख्या में सशस्त्र पुलिसकर्मियों की तैनात की।

ऐसे बोर्ड लोगों को तमिलनाडु राज्य की सीमाओं की शुरुआत के बारे में सूचित करते हैं और यह भी सूचित करते हैं कि उक्त क्षेत्र में तमिलनाडु राजमार्ग विभाग के किसी खंड या उप-खंड के तहत आता है।

पुलिस ने बताया कि गत 10 जनवरी को, कन्नड़ चालुवली वतल पक्ष के नेता वत्तल नागराज के नेतृत्व में लगभग 20 लोग तलावडी पुलिस सीमाक्षेत्र स्थित तमिलनाडु के रामापुरा में घुस गए और उनमें से कुछ लोगों ने कथित रूप से जिला पंचायत और राजमार्ग विभाग के बोर्ड को कथित तौर पर क्षतिग्रस्त किया और उन्हें फेंक दिया।

पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने तमिल भाषा की नाम पट्टिकाओं को नुकसान पहुंचाते हुए ‘तमिल की ज़रूरत नहीं है’, ‘हम कर्नाटक में केवल कन्नड़ नाम पट्टिकाएं चाहते हैं’ जैसे नारे लगाए।

उसके बाद नागराज ने तमिल बोर्डों के सामने कर्नाटक के पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘तलावड़ी एक कन्नड़ भूमि है।’’ उन्होंने याद किया कि 1969 में उन्होंने तलावड़ी को कर्नाटक के साथ मिलाने की की मांग करते एक विरोध प्रदर्शन शुरू किया था।

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Web Title: Groups damaged Tamil Nadu information boards along the Karnataka border

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